साहित्य यादों के गुलाब: उषा किरण By लोकेश नशीने - March 23, 2023 उषा किरणपटना भले ही उसने अपने मन मेंउगाए रहे ढेर सारे कैक्टसयह उसकी मर्जीमैंने तो हर लम्हे सँवारेफकतउसकी यादों के गुलाब से इंतज़ार ना ही कोई वादाना ही कोईकसमें खायीं गईंप्यार में,फिर भी हर पल,गुजरती गईउसके इंतज़ार में