डॉ निशा अग्रवाल
शिक्षाविद, पाठयपुस्तक लेखिका
जयपुर, राजस्थान
देशभक्ति की धारा बहे, हर दिल में हो उत्साह,
स्वतंत्रता का पर्व है आज, मन में भर लो ये विश्वास।
तिरंगा ऊँचा लहराए, नभ में गर्वित स्वाभिमान,
हर एक भारतीय मन में, हो स्वतंत्रता का सम्मान।
कश्मीर से कन्याकुमारी गूंजे, हर कोने में जय जयकार,
शौर्य, धैर्य और प्रेम से, बने देश महान बारंबार।
शहीदों की ये कुर्बानी, हमको करती शिक्षा प्रदान,
कि हम अपने कर्तव्यों से, नहीं हों कभी भी अनजान।
स्वतंत्रता के इस अमृत में, घोलें नवचेतना का रंग,
समृद्धि और समानता से, भारत को करें हम सब संग।
आओ मिलकर आज शपथ लें, एक नया कल बनाएंगे,
जहाँ हर भारतवासी सुखमय होगा, समृद्ध देश बनाएंगे।