नील गगन के तारों सा जो,
लगता प्यारा प्यारा है
जगमग जलते दीप जहां पर,
वह भारत देश हमारा है
ऋतुओं का है राज चमन में,
बहती हवा निराली
प्रेम की ज्योति जगाई जग में,
कुदरत ऐसी मतवाली
कहीं नहीं कश्मीर यहां सा,
विश्व में सबसे न्यारा है
जगमग जलते दीप जहां पर,
वह भारत देश हमारा है
बहती नदियां कल कल कर के,
खेत में उगता है सोना
करे सुरक्षा रोज हिमालय,
धैर्य कभी तुम मत खोना
चरणों को धोता है सागर,
पावन गंगे धारा है
जगमग जलते दीप जहां पर,
वह भारत देश हमारा है
वेद पुराण पढ़ें जन-जन,
विज्ञान विश्व में है भारी
चले चूमने चंदा को हम,
कभी न हिम्मत है हारी
लहराए तिरंगा मंगल पर भी,
संकल्प यही हमारा है
जगमग जलते दीप जहां पर,
वह भारत देश हमारा है
-रामसेवक वर्मा
विवेकानंद नगर, पुखरायां,
कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश