भारतीय वैज्ञानिकों ने विकसित किया नाइट्राइड सेमीकंडक्टर्स के साथ मस्तिष्क जैसी कंप्यूटिंग के लिए कृत्रिम सिनैप्स

भारतीय वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क जैसी गणना क्षमता (कंप्यूटिंग) विकसित करने के लिए सर्वोच्च स्थिरता और पूरक धातु-ऑक्साइड-सेमीकंडक्टर (सीएमओएस) अनुकूलता के साथ एक अर्धचालक सामग्री स्कैंडियम नाइट्राइड  (एससीएन–ScN) का उपयोग किया है। यह आविष्कार अपेक्षाकृत कम ऊर्जा लागत पर स्थिर, सीएमओएस-संगत ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक सिनैप्टिक कार्यात्मकताओं के लिए एक नई सामग्री प्रदान कर सकता है इसलिए इसके एक औद्योगिक उत्पाद में अनुप्रयुक्त होने की संभावित क्षमता है।

पारंपरिक कंप्यूटरों में स्मृति भंडारण और प्रसंस्करण इकाई (मेमोरी स्टोरेज एंड प्रोसेसिंग यूनिट) भौतिक रूप से अलग होते हैं। परिणामस्वरूप  संचालन (ऑपरेशन) के दौरान इन इकाइयों के बीच डेटा स्थानांतरित करने में अत्यधिक ऊर्जा और समय लगता है। इसके विपरी मानव मस्तिष्क एक सर्वोच्च जैविक कंप्यूटर है जो एक सिनैप्स (दो न्यूरॉन्स के बीच संबंध) की उपस्थिति के कारण छोटा और अधिक कुशल है होने के साथ ही प्रोसेसर और मेमोरी स्टोरेज यूनिट दोनों की भूमिका निभाता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के वर्तमान युग में  मस्तिष्क जैसा कंप्यूटिंग दृष्टिकोण बढ़ती गणनात्मक (कम्प्यूटेशनल) आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता कर सकता है। न्यूरोमॉर्फिक हार्डवेयर के विकास का उद्देश्य एक जैविक सिनैप्स की ऐसी नकल करना है जो उत्तेजनाओं द्वारा उत्पन्न सिग्नल की निगरानी और उन्हें याद रखती है। वैज्ञानिक एक कृत्रिम सिनैप्टिक डिवाइस बनाने का प्रयास कर रहे हैं जो आरसी देरी से ग्रस्त नहीं है, बड़ी बैंडविड्थ प्रदर्शित करता है, कम ऊर्जा का उपभोग करता है, और स्थिर, मापनीय (स्केलेबल) और सीएमओएस-संगत है।

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, बेंगलुरु के जवाहर लाल नेहरु उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च– जेएनसीएएसआर), के वैज्ञानिकों की एक टीम, जो नाइट्राइड-आधारित सामग्रियों पर काम कर रही थी, ने न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग के लिए हार्डवेयर विकसित करने के लिए अपनी पृष्ठभूमि का उपयोग किया है। उन्होंने स्कैंडियम नाइट्राइड (एससीएन) का उपयोग एक सिनैप्स की नकल करने वाले उपकरण को विकसित करने के लिए किया जो संकेत आवागमन (सिग्नल ट्रांसमिशन) को नियंत्रित करने के साथ ही साथ ही उसे याद भी रखता है।

धीमाही राव और उनकी टीम का यह काम स्कैंडियम नाइट्राइड (एससीएन) की पतली फिल्मों के साथ एक कृत्रिम ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक सिनैप्स को प्रदर्शित करता है जो अल्पकालिक स्मृति, दीर्घकालिक स्मृति, अल्पकालिक से दीर्घकालिक स्मृति में संक्रमण, सीखने-भूलने, आवृत्ति चयन जैसी सिनैप्टिक कार्यात्मकताओं से लेकर ऑप्टिकल फ़िल्टरिंग, फ्रीक्वेंसी-डिपेंडेंट पोटेंशिएशन एवं डिप्रेशन, हेबियन लर्निंग तथा लॉजिक-गेट ऑपरेशंस की नकल कर सकता है।

इसके अतिरिक्त अलग-अलग मैग्नीशियम (एमजी– Mg) मादक (डोपेंट) सांद्रता के साथ ऐसे  उत्तेजक [वर्तमान/अन्तर्ग्रथनी (सिनैप्टिक) शक्ति में वृद्धि] और निरोधात्मक [वर्तमान/अन्तर्ग्रथनी (सिनैप्टिक) शक्ति में कमी] दोनों संचालन एक ही सामग्री में प्राप्त किए जा सकते हैं जो अन्य सामग्रियों के साथ आसानी से संभव नहीं है। स्कैंडियम नाइट्राइड (एससीएन) में प्रतिरोधकता (नकारात्मक फोटोकंडक्टिविटी) में वृद्धि और चमकते प्रकाश पर मैग्नीशियम (एमजी) आलेपित (डोप्ड) स्कैंडियम नाइट्राइड (एससीएन) में प्रतिरोधकता (सकारात्मक फोटोकंडक्टिविटी) में कमी क्रमशः सिनैप्स की उत्तेजक और निरोधात्मक प्रकृति के रूप में उपयोग की गई थी। प्रकाश को बंद करने के बाद फोटोकंडक्टिविटी में दृढ़ता एक स्मृति के रूप में कार्य करती है जो उत्तेजनाओं की प्रकृति के आधार पर कई मिनट से कई दिनों तक चलती है। यह कार्य सीएमओएस चिप-संगत समूह-III नाइट्राइड सेमीकंडक्टर के साथ ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक सिनैप्स का पहला प्रदर्शन है।

ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक सिनैप्स को प्रदर्शित करने के लिए उपयोग की जाने वाली मौजूदा सामग्रियों की तुलना में, स्कैंडियम नाइट्राइड ( एससीएन ) अधिक स्थिर एवं सीएमओएस संगत है और इसे वर्तमान एसआई (Si) तकनीक के साथ मूल रूप से एकीकृत किया जा सकता है। यह उत्तेजक और निरोधात्मक दोनों कार्यों के लिए एक ही मंच के रूप में कार्य कर सकता है। स्कैंडियम नाइट्राइड (एससीएन) की औद्योगिक प्रसंस्करण तकनीकें मौजूदा सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर के समान हैं। ऑप्टिकल उत्तेजनाओं की प्रतिक्रिया में इलेक्ट्रॉनिक सर्किट की तुलना में उच्च गति और व्यापक बैंडविड्थ के लिए जाने जाने वाले फोटोनिक सर्किट के साथ संभावित एकीकरण का यह लाभ भी है ।

जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च– जेएनसीएएसआर) में कार्यरत सहायक प्रोफेसर डॉ. बिवास साहा ने कहा कि “हमारा काम एक स्थिर, मापनीय (स्केलेबल) और सीएमओएस-संगत III-नाइट्राइड सेमीकंडक्टर के साथ न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग अनुसंधान को सक्षम बनाता है, जो उत्तेजक और निरोधात्मक सिनैप्टिक कार्यात्मकता दोनों को प्रदर्शित करता है। ऑल-इलेक्ट्रॉनिक सिनैप्स पर पिछले कार्यों के विपरीत, हमारा काम एक बड़े बैंडविड्थ, कम आरसी देरी और कम बिजली की खपत के साथ एक ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक सिनैप्स दिखाता है। जेएनसीएएसआर के अलावा, सिडनी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं (डॉ. मैग्नस गारब्रेक्ट और डॉ. आशा आई. के. पिल्लई) ने भी हाल ही में वैज्ञानिक पत्रिका एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक मैटेरियल्स में प्रकाशित इस अध्ययन में भाग लिया।