रेल सेवा नियमों का दुरुपयोग कर रेलकर्मियों को किया जा रहा बर्खास्त, बढ़ रहा आक्रोश

भारतीय रेलवे के अधिकारी नियमों की आड़ में निम्न श्रेणी के कर्मचारियों को कड़े से कड़ा दंड देने, यहाँ तक कि रेल सेवा से हटाने में भी नहीं चूकते। रेल मजदूर संघ के महामंत्री अशोक शर्मा व संघ प्रवक्ता व संयुक्त महामंत्री सतीश कुमार ने बताया कि विगत 11 फरवरी 2023 को गाड़ी संख्या 19818 मांडलगढ़ बरुधनी स्टेशनों के बीच समपार फाटक संख्या 95 पर पहुँचते समय गेट खुला रखने का आरोप लगाकर गेटमैन नीरज मीना को नियम 14 (ii) के प्रावधान के तहत रेल सेवा से हटा दिया गया था।

ये भी पढ़ें: पुरानी पेंशन योजना की बहाली हेतु रेल कर्मियों के हस्ताक्षर महाअभियान का जोरदार अगाज

इस कदम का वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ ने सक्त विरोध करते हुये पमरे के प्रमुख मुख्य अभियंता अनिल कुमार पांडे को पत्र लिखकर कहा कि अनुशासन एवं अपील नियम 1968 के तहत नियम 14 (ii) का विशेष परिस्थितयों में उपयोग में लेने हेतु किया गया है, जबकि प्रशासन के लिए उचित रूप से प्रयोगात्मक तौर पर जांच किया जाना संभव न हो तब ही नियम 14 (ii) की शक्तियो का प्रयोग किया जाना चाहिए।

उक्त प्रकरण में घटना घटित हो चुकी थी एवं इस घटना से न तो कोई जान माल की हानि हुई है न ही दुघर्टना कारित हुई है, इसलिए जांच की प्रक्रिया को सम्पन्न करने का पूर्ण अवसर प्रशासन के पास उपलब्ध था। इस प्रकार के प्रकरण में विभागीय जांच के आधार पर अनुशासन अपील नियमों के तहत जांच करवा कर एवं कर्मचारी को अपना पक्ष रखने का अवसर देने के बाद ही निर्णय लिया जाना चाहिए। इस प्रकार इस प्रकरण पर में पैरा 14 (ii) की मूल भावना का पूर्णतः हनन किया गया है एवं विशेष प्रावधान का दुरूपयोग मात्र है।

किसी भी कर्मचारी को अचानक रेल सेवा से निकाल देना कर्मचारी के लिए अहित कर रहे हैं, साथ ही साथ पूरे परिवार के लिए जीवन यापन जैसी गंभीर समस्या को जन्म देने वाला प्रयास है। संघ ने उक्त निर्णय पर पुर्नविचार करते हुये उसे तुरंत बदलकर कर्मचारी एवं उसके परिवार को राहत प्रदान करने हेतु संबंधित को यथोचित निर्देश देने की मांग करते हुए इस तरह के एक तरफा निर्णयो के खिलाफ उग्र आन्दोलन करने की चेतावनी दी हैं।