सेमीकंडक्टर व सेंसर सेक्टर में देसी प्रौद्योगिकी वाली भारतीय कंपनियों को केंद्र सरकार देगी वित्तीय सहायता

सेमीकंडक्टर और सेंसर के क्षेत्र में व्यावसायीकरण के चरण में नई प्रौद्योगिकी वाली भारतीय कंपनियों के पास अब व्यावसायीकरण के लिए ऋण, इक्विटी और अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्राप्त करने का अवसर है। देश की जरूरत और फोकस इलेक्ट्रॉनिक व सेमीकंडक्टर के क्षेत्र पर ध्यान देने को लेकर सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन, डिस्प्ले फैब्रिकेशन, इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी), चिपसेट, चिप्स ऑन सिस्टम (एसओएससी) आदि के लिए डिजाइनिंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए सेमीकंडक्टर और सेंसर डोमेन में व्यावसायीकरण चरण में स्वदेशी प्रौद्योगिकी वाली भारतीय कंपनियों से प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं।

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का वैधानिक निकाय, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड द्वारा आमंत्रित प्रस्तावों में भारतीय कंपनियों को व्यावसायीकरण, वैज्ञानिक, तकनीकी, वित्तीय और वाणिज्यिक योग्यता तथा वित्तीय सहायता के आधार पर मूल्यांकन के लिए ऋण, इक्विटी और अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करने जैसी प्रमुख विशेषताएं हैं। आवेदन करने वाली कंपनियां भारतीय कंपनियां (कंपनी अधिनियम, 1956/2013 के अनुसार) या डीपीआईआईटी से मान्यता प्रमाण पत्र प्राप्त स्टार्ट-अप होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की परिकल्पना का उद्देश्य भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। सरकार ने चिपसेट सहित प्रमुख कंपोनेंट के विकास के लिए कई पहलें शुरू की हैं और उद्योग के लिए विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक सक्षम वातावरण का निर्माण किया है।

सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स के आधार हैं जो उद्योग 4.0 के तहत डिजिटल बदलाव के अगले चरण का संचालन कर रहे हैं। सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग बहुत जटिल और प्रौद्योगिकी-प्रभावी क्षेत्र हैं जिनमें भारी पूंजी निवेश, उच्च जोखिम, लंबी उत्पादन पूर्व तथा फायदा प्राप्त करने की अवधि और प्रौद्योगिकी में तेजी से बदलाव शामिल हैं, जिनके लिए अहम और टिकाउ निवेश की आवश्यकता होती है। इस आमंत्रण से पूंजी-सहायता और तकनीकी सहयोग की सुविधा के जरिये सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।

टीडीबी के सचिव, आईपी एंड टीएएफएस राजेश कुमार पाठक ने कहा कि टीडीबी ने प्रौद्योगिकी कंपनियों के विकास के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस आमंत्रण से सेमीकंडक्टर और सेंसर इकोसिस्टम यानी पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहन मिलेगा, जोकि आत्मनिर्भर भारत की पहल के लिए आवश्यक होगा। वित्त पोषण के विस्तृत दिशा-निर्देशों और प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए आवेदक टीडीबी की वेबसाइट पर संपर्क कर सकते हैं। प्रस्ताव प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 26 मार्च, 2022 है।