पटरी पर देश की अर्थव्यवस्था: प्रत्यक्ष कर संग्रह में दर्ज हुई 48 प्रतिशत की वृद्धि

देश की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। वित्त वर्ष 2021-22 में 16 मार्च 2022 तक प्रत्यक्ष कर संग्रह के आंकड़े बताते हैं कि शुद्ध संग्रह 13,63,038.3 करोड़ रुपये रहा, जबकि इसकी तुलना में पिछले वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2020-21 की इसी अवधि में प्रत्यक्ष कर संग्रह 9,18,430.5 करोड़ रुपये था, इस प्रकार प्रत्यक्ष कर संग्रह में 48.41 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है।

वित्त वर्ष 2021-22 के लिए शुद्ध संग्रह (16 मार्च तक) में वित्त वर्ष 2019-20 की इसी अवधि की तुलना में 42.50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है, जब शुद्ध संग्रह 9,56,550.3 करोड़ रुपये था और वित्त वर्ष 2018-19 की इसी अवधि की तुलना में 34.96 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जब शुद्ध संग्रह 10,09,982.9 करोड़ रुपये था।

कुल 13,63,038.3 करोड़ रुपये का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह (16 मार्च तक) में शामिल है- निगम कर (सीआईटी) 7,19,035.0 करोड़ रुपये (रिफंड शुद्ध) और सुरक्षा लेनदेन कर (एसटीटी) सहित व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) 6,40,588.3 करोड़ (रिफंड शुद्ध)। 16 मार्च तक 13,63,038.3 करोड़ रुपये का संग्रह, जबकि लक्ष्य 11.08 लाख करोड़ रुपये (बीई) था और इसे संशोधित करते हुए 12.50 लाख करोड़ रुपये (आरई) निर्धारित किया गया था।

वित्त वर्ष 2021-22 (16 मार्च तक) के लिए प्रत्यक्ष करों का सकल संग्रह पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 11,20,638.6 करोड़ रुपये की तुलना में 15,50,364.2 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सकल संग्रह 11,34,706.3 करोड़ रुपये रहा था, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 की इसी अवधि में यह 11,68,048.7 करोड़ रुपये था।

कुल 15,50,364.2 करोड़ रुपये के सकल संग्रह में, निगम कर 8,36,838.2 करोड़ रुपये और सुरक्षा लेनदेन कर सहित व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) 7,10,056.8 करोड़ रुपये शामिल हैं। लघु शीर्षवार संग्रह (16 मार्च तक) में शामिल हैं- अग्रिम कर 6,62,896.3 करोड़ रुपये, स्रोत पर कर कटौती 6,86,798.7 करोड़ रुपये, स्व-मूल्यांकन कर 1,34,391.1 करोड़ रुपये, नियमित मूल्यांकन कर 55,249.5 करोड़ रुपये, लाभांश वितरण कर 7,486.6 करोड़ रुपये और अन्य लघु शीर्षों के तहत कर 3,542.1 करोड़ रुपये।

वित्त वर्ष 2021-22 में 16 मार्च तक संचयी अग्रिम कर संग्रह 6,62,896.3 करोड़ रुपये है, जबकि पूर्ववर्ती वित्त वर्ष यानी 2020-21 की इसी अवधि के लिए अग्रिम कर संग्रह 4,70,984.4 करोड़ रुपये था,जो 40.75 प्रतिशत (लगभग) की वृद्धि दर्शाता है। इसके अलावा 16 मार्च (वित्त वर्ष 2021-22) तक संचयी अग्रिम कर संग्रह 6,62,896.3 करोड़ रुपये था और इसमें वित्त वर्ष 2019-20 की इसी अवधि की तुलना में 50.56 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी, जब अग्रिम कर संग्रह (संचयी) 4,40,281.4 करोड़ रुपये था और इसमें वित्त वर्ष 2018-19 की इसी अवधि की तुलना में 30.82 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी, जब अग्रिम कर संग्रह (संचयी) 5,06,714.2 करोड़ रुपये था।

वहीं 16 मार्च तक 6,62,896.3 करोड़ रुपये के अग्रिम कर के आंकड़े में निगम कर 4,84,451.8 करोड़ रुपये और व्यक्तिगत आयकर 1,78,441.1 करोड़ रूपये शामिल हैं। इस धनराशि के बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि बैंकों से और जानकारी की प्रतीक्षा है। वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक1,87,325.9 करोड़ रुपये के रिफंड भी जारी किए गए हैं।