इंडिया पोस्ट ने की शिपरॉकेट के साथ साझीदारी, देश के कोने-कोने में मिलेगी डिलीवरी सेवाएं

विश्व के सबसे बड़े डिलीवरी नेटवर्क इंडिया पोस्ट ने शिपरॉकेट के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है, जिससे कि देश भर में अंतिम मील ई-कॉमर्स डिलीवरी सेवाओं को बढ़ावा मिल सके। भारत के अग्रणी डाक सेवा प्रदाता इंडिया पोस्ट ने एक अग्रणी लॉजिस्ट्क्सि एग्रेगेटर कंपनी शिपरॉकेट के साथ साझीदारी की घोषणा की जिससे कि विभिन्न ई-कॉमर्स उत्पादों के लिए इसकी अंतिम मील ई-कॉमर्स डिलीवरी सेवाओं को बढ़ावा मिल सके। समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर आज नई दिल्ली में डाक भवन में इंडिया पोस्ट, शिपरॉकेट तथा पिकर के बीच किए गए। कार्यक्रम के दौरान, डाक सेवा के महानिदेशक आलोक शर्मा, डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा शिपरॉकेट तथा पिकर के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

बिगफुट रिटेल सॉल्यूशंस (शिपरॉकेट) वार्षिक रूप से तीन लाख विक्रेताओं और 70 मिलियन उपभोक्ताओं के साथ एक उभरती हुई लॉजिस्ट्क्सि एग्रेगेटर कंपनी है। इंडिया पोस्ट और शिपरॉकेट के बीच यह साझीदारी शिपरॉकेट के तीन लाख के मजबूत विक्रेता आधार, जिनमें स्टार्टअप्स और बड़ी संख्या में छोटे तथा मझोले उद्यम शामिल हैं, को शिपिंग तथा अंतिम मील डिलीवरी सेवाएं उपलब्ध कराएंगी। यह एमओयू ई-कॉमर्स को अंतिम मील तक ले जाने के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है तथा इससे पूरे देश भर में लाखों ग्राहकों को लाभ पहुंचने की उम्मीद है।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए डाक सेवा के महानिदेशक आलोक शर्मा ने कहा कि आज एक महत्वपूर्ण अवसर है और यह साझीदारी देश में ई-कॉमर्स क्रांति से लाभ उठाने की ग्रामीण युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करेगी। शिपरॉकेट के सह-संस्थापक और सीईओ साहिल गोयल ने कहा कि इंडिया पोस्ट नेटवर्क ई-कॉमर्स की मार्केट कंपनियों को अंतिम मील कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगी तथा ई-कॉमर्स सेवाओं की बड़े शहरों तथा नगरों से आगे भी पैठ कराने में सुविधा प्रदान करेगी। यह व्यापारियों को स्वचालित शिपिंग और त्वरित डिलीवरी में सक्षम बनाएगी जिसका परिणाम लागत प्रभावशीलता तथा व्यवसाय के विकास के रूप में सामने आएगा।

इस साझीदारी को सुगम बनाने तथा ग्राहकों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए इंडिया पोस्ट ने शिपरॉकेट की आईटी प्रणालियों के साथ आईटी समेकन सुनिश्चित किया है। यह एकीकरण टैरिफ, बुकिंग लेबल जेनेरेशन, पिकअप तथा ट्रैक एवं ट्रेस के लिए विभिन्न एपीआई के माध्यम से किया गया है।