केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने जारी किए इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन के लिए दिशानिर्देश

केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे के लिए संशोधित संगठित समेकित दिशानिर्देश और मानक जारी कर दिए हैं। भारत सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और उसे अपनाने को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। सार्वजनिक ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे में काफी विस्तार के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों ने भारतीय बाजार में कदम रखना शुरू कर दिया है।

सरकार ने निजी और सार्वजनिक एजेंसियों को शामिल करके सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए सभी तरह के प्रयास किए हैं। सुविधाजनक चार्जिंग नेटवर्क ग्रिड विकसित करने को लेकर कई निजी संगठन भी ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए आगे आ रहे हैं। विद्युत मंत्रालय (एमओपी) ने योजना बनाई है कि चार्जिंग स्टेशन 3×3 किमी ग्रिड के क्षेत्र में होने चाहिए। फिलहाल भारत में कुल 1640 चालू सार्वजनिक ईवी चार्जर हैं। इनमें से 9 शहरों सूरत, पुणे, अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में लगभग 940 चार्जिंग स्टेशन हैं।

सरकार ने शुरू में इन 9 बड़े शहरों, जिनकी आबादी 4 मिलियन पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से सरकार द्वारा किए गए आक्रामक प्रयासों के परिणामस्वरूप सार्वजनिक ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे के फैलाव में तेजी से वृद्धि हुई है। इन 9 शहरों में अक्टूबर 2021 से जनवरी 2022 के बीच 678 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों की अतिरिक्त स्थापना की गई, जो पहले की संख्या का लगभग 2.5 गुना है।

इसी अवधि में लगभग 1.8 लाख नए इलेक्ट्रिक वाहन भी आए। इसने उपभोक्ताओं के बीच इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर स्थानांतरित होने का अधिक विश्वास दिखाया है। इन बड़े शहरों में ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर की परिपूर्णता के बाद सरकार की योजना है कि चरणबद्ध तरीके से अन्य शहरों में इसका विस्तार किया जाए।

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाने के लिए पर्याप्त चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता प्रमुख रुकावट रही है। इस संबंध में विद्युत मंत्रालय ने देश भर में सार्वजनिक ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे की तेजी से फैलाने के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर विभिन्न साझेदारों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का वर्णन करते हुए ‘इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर-दिशानिर्देश और मानक’ जारी किए।

विद्युत मंत्रालय ने इन दिशानिर्देशों और मानकों को संशोधित किया:

>सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन संचालकों व मालिकों और इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों द्वारा वसूले जाने योग्य रियायती शुल्क प्रदान करना।

>इलेक्ट्रिक वाहनों के मालिकों को अपने मौजूदा बिजली कनेक्शन का उपयोग कर अपने घरों या कार्यालयों में इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने में सक्षम बनाना।

>सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन को परिचालन के नजरिए से आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने को लेकर भूमि उपयोग के लिए राजस्व बंटवारा मॉडल का सुझाव दिया गया है।

>सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) को ईवी सार्वजनिक चार्जिंग के तेजी से रोलआउट के लिए कनेक्टिविटी देने को लेकर समय-सीमा निर्धारित की गई है।

>सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के लिए तकनीकी आवश्यकताओं को सुसंपन्न किया गया है।

इस दिशा में तेल विपणन कंपनियों ने देश भर के प्रमुख शहरों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर 22,000 ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने की घोषणा की है। 22,000 ईवी चार्जिंग स्टेशनों में से 10,000 आईओसीएल, 7,000 भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और 5,000 हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा स्थापित किए जाएंगे।

आईओसीएल ने पहले ही 439 ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए हैं और अगले वर्ष में 2,000 और ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना है। बीपीसीएल ने 52 और एचपीसीएल ने 382 चार्जिंग स्टेशन लगाए हैं। हाल ही में भारी उद्योग विभाग ने 25 राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के लिए 1576 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी दी है जो इन एक्सप्रेसवे व राजमार्गों के दोनों ओर प्रत्येक 25 किलोमीटर की सीमा के भीतर स्थित होंगे।