Friday, December 27, 2024
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मध्यप्रदेश का रातापानी अभयारण्य- टाइगर रिजर्व घोषित

भोपाल (हि.स.)। मध्यप्रदेश को दो दिन में दो टाइगर रिजर्व की सौगात मिली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल और मार्गदर्शन पर राजधानी भोपाल से लगे रातापानी अभ्यारण्य को प्रदेश का नौवां टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया है। राज्य सरकार ने सोमवार देर शाम इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। इससे पहले रविवार को केंद्र सरकार ने शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क को प्रदेश का आठवां टाइगर रिजर्व घोषित किया था। दो दिन में मिली दो नए टाइगर रिजर्व की सौगात के बाद प्रदेश में टाइगर रिजर्व की संख्या सात से बढ़कर अब नौ हो गई हैं।

राज्य शासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, प्रस्तावित रातापानी टाइगर रिजर्व के कोर एरिया का रकबा 763.812 वर्ग किलोमीटर तथा बफर एरिया का रकबा 507.653 वर्ग किलोमीटर है। इस प्रकार टाइगर रिजर्व का कुल रकबा 1271.465 वर्ग किलोमीटर होगा। यह क्षेत्र रायसेन और सीहोर जिले में आता है।

रातापानी टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र की सीमा के अंदर स्थित नौ राजस्व ग्राम झिरी बहेड़ा, जावरा मलखार, देलावाड़ी, सुरई ढाबा, पांझिर, कैरी चौका, दांतखो, साजौली एवं जैतपुर का रकबा 26.947 वर्ग किलोमीटर राजस्व भूमि इन्क्लेव के रूप में बफर क्षेत्र में शामिल है। टाइगर रिजर्व में भौगोलिक रूप से स्थित, उक्त 9 ग्राम अभयारण्य की अधिसूचना में कोर क्षेत्र में शामिल नहीं हैं।

रातापानी टाइगर रिजर्व बनने से टाइगर रिजर्व का सम्पूर्ण कोर क्षेत्र रातापानी टाइगर अभयारण्य की सीमा के भीतर है। इससे ग्रामीणों के वर्तमान अधिकार में कोई परिवर्तन नहीं होगा। इससे स्थानीय ग्रामीणों को पर्यटन से नये रोजगार सृजित होंगे, जिससे आर्थिक लाभ होगा। टाइगर रिजर्व गठित होने से भारत सरकार के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से बजट प्राप्त होने से वन्य-प्राणियों का और बेहतर ढंग से प्रबंधन किया जा सकेगा। इसके साथ ही स्थानीय ग्रामीणों को ईको टूरिज्म के माध्यम से लाभ प्राप्त होगा। टाइगर रिजर्व बनने से रातापानी को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी तथा भोपाल की पहचान “टाइगर राजधानी’’ के रूप में होगी।

मप्र में 785 बाघ हैं

रातापानी और माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित करने से पहले मध्य प्रदेश में सात टाइगर रिजर्व थे। इनमें कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, पन्ना, सतपुड़ा, संजय दुबरी, नौरादेही शामिल हैं। अब रातापानी और माधव नेशनल पार्ट के टाइगर रिजर्व बनने से यह संख्या नौ हो गई है। मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला हुआ है। वर्ष 2022 की गणना के मुताबिक यहां 785 बाघ हैं। वर्ष 2018 में यह संख्या 526 थी। मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ने की वजह से यहां वन्य जीवों के आशियाने तेजी से बढ़ रहे हैं।

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