जम्मू के रंगमंच कलाकार लकी गुप्ता ने मप्र विद्युत महिला मंडल द्वारा संचालित बालक मंदिर हायर सेकेण्डरी स्कूल रामपुर जबलपुर में अपनी एक घंटे की मार्मिक एकल प्रस्तुति ‘मां मुझे टैगोर बना दे’ समाप्त की, तो स्कूल के तमाम विद्यार्थियों की आँखों में आंसू थे और स्कूल प्रबंधन व सभी शिक्षिकाएं अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने का असफल प्रयास कर रही थी। लगभग सभी रूमाल से ऑसू पोंछ रहे थे। दर्शकों को यह समझने में कुछ समय लगा कि उन्हें तालियों की गड़गड़ाहट के साथ अपनी प्रशंसा व्यक्त करनी चाहिए।
मोहन भंडारी की पंजाबी कहानी से प्रेरित इस हिंदी नाटक का लकी गुप्ता पूरे भारत में 1500 से ज्यादा प्रदर्शन कर चुके है, और इस एकल प्रदर्शन के लिए उन्होंने पूरे भारत की यात्रा कर बच्चे की बेबसी पर आधारित पटकथा ली है।
बिना किसी सरकारी या संस्थागत आर्थिक सहायता के लकी गुप्ता स्कूली बच्चों तक नाटक को पहुंचाने की रंगयात्रा का पडाव इस बार बालक मंदिर हायर सेकेण्डरी स्कूल रामपुर जबलपुर रहा।
दैनंदिन पहनने वाली साधारण वेशभूषा में एक नौजवान रंगकर्मी मंच में उपस्थित होता है और विद्यार्थियों से अपना संवाद शुरू करता है, कहानी सुनाने के अंदाज में। यह कहानी हाशिये पर पड़े परिवार के एक बच्चे की है जो स्कूल में पढ़ता भी है और मजदूरी करने को भी विवश है। अभाव ग्रस्त जीवन जी रहे स्कूली बच्चे की कहानी में उसके माँ-बाप भी हैं, शिक्षक हैं, सहपाठी हैं और पूरा समाज है, लेकिन मंच पर अकेला अभिनेता है जो बदल-बदल कर अलग-अलग पात्रों को अभिनीत करता है। बीच-बीच में वह दर्शकों को भी नाटक का पात्र बना देता है। एकल अभिनय का यह अद्भुत नाटक प्रस्तुत करते हुये विलक्षण प्रतिभा के रंगकर्मी लकी गुप्ता जी मंच पर ही नहीं बल्कि दर्शक बच्चों की भीड़ में भी जाकर अभिनय करते हैं।
लकी गुप्ता एक अद्भुत कलाकार: डॉ अंजना तिवारी
मप्र विद्युत महिला मंडल की अध्यक्षा डॉ. अंजना तिवारी ने भावपूर्ण मार्मिक इस प्रस्तुति के बाद लकी गुप्ता का अभिनंदन और स्वागत करते हुये उन्हें एक अद्भुत कलाकार बताया। उन्होंने कहा कि अपने असाधारण अभिनय से लकी गुप्ता बच्चों को प्रेरित करते है, कि कैसे जिंदगी को जिया जाये।