Friday, December 27, 2024
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मध्यप्रदेश की छः बोलियों की साहित्यिक कृति वर्ष 2022 एवं वर्ष 2023 के पुरस्कारों की घोषणा

भोपाल (हि.स.)। मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी, संस्कृति परिषद्, राज्य शासन भोपाल द्वारा कैलेण्डर वर्ष 2022 और कैलेण्डर वर्ष 2023 के मध्य प्रदेश की छः बोलियों (मालवी, निमाड़ी, बघेली, बुंदेली, भीली और गोंडी) के साहित्यिक कृति पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। प्रति पुरस्कार रुपये 51 हजार) के साथ शाल, श्रीफल, स्मृति चिह्न और प्रशस्ति के साथ रचनाकारों को अलंकृत किया जाता है। यह जानकारी रविवार को अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने दी।

उन्होंने बताया कि कैलेण्डर वर्ष 2022 के पुरस्कारों में (1) ‘मालवी’ के लिए संत पीपा स्मृति पुरस्कार रजनीश दवे-इंदौर की कृति ‘आस की ओसारी’, (2) ‘निमाड़ी’ के लिए संत सिंगा जी स्मृति पुरस्कार विजय कुमार जोशी-महेश्वर की कृति ‘आस तीस का लाड़ू’, (3) ‘बघेली’ के लिए विश्वनाथ सिंह जूदेव स्मृति पुरस्कार सीताशरण गुप्त-मैहर की कृति ‘जगन्नाथ केर परसाद’, (4) ‘बुंदेली’ के लिए छत्रासाल स्मृति पुरस्कार पं. मनीराम शर्मा-दतिया की कृति ‘हम हैं इन गाँवन के ठौर के’ को दिया गया है। (5) ‘भीली’ टंट्या भील स्मृति पुरस्कार एवं (6) ‘गोंडी’ रानी दुर्गावती स्मृति पुरस्कार हेतु कोई भी कृति प्रविष्टि के रूप में प्राप्त नहीं हुई।

इसी तरह कैलेण्डर वर्ष 2023 के पुरस्कारों में (1) ‘मालवी’ के लिए संत पीपा स्मृति पुरस्कार हेतु कोई भी कृति प्रविष्टि के रूप में प्राप्त नहीं हुई, (2) ‘निमाड़ी’ के लिए संत सिंगा जी स्मृति पुरस्कार राकेश गीते ‘रागी’-खरगोन की कृति ‘गुड़ की गाँगड़ी’, (3) ‘बघेली’ के लिए विश्वनाथ सिंह जूदेव स्मृति पुरस्कार चन्द्रिका प्रसाद ‘चन्द्र’-रीवा की कृति ‘रिस्तन केर निबाह’, (4) ‘बुंदेली’ के लिए छत्रासाल स्मृति पुरस्कार मनोज कुमार तिवारी-बड़ामलहरा की कृति ‘बोल बुन्देली’ को दिया गया है। (5) ‘भीली’ टंट्या भील स्मृति पुरस्कार एवं (6) ‘गोंडी’ रानी दुर्गावती स्मृति पुरस्कार हेतु कोई भी कृति प्रविष्टि के रूप में प्राप्त नहीं हुई।

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