Sunday, December 29, 2024
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जबलपुर को हम लोग परसाईपुर के नाम से जानते हैं: रेड‍ियो साक्षात्कारों के संकलन साहित्य संवाद पुस्तक विमोचित

जबलपुर को हम लोग परसाईपुर कहते हैं। पूरे देश के साहित्यकार जबलपुर को हरिशंकर परसाई के कारण पहचानते जानते हैं। गरजन सिंह वरकड़े लिखित पुस्तक साहित्य संवाद को प्रत्येक साहित्यकार व हिन्दी शोधार्थियों को पढ़ना चाहिए। यह बात विख्यात साहित्यकार ममता कालिया ने आज रानी दुर्गावती संग्रहालय की कला वीथ‍िका में पहल के तत्वावधान में हिन्दी और उर्दू के प्रत‍िष्ठ‍ित साहित्यकारों के वरिष्ठ प्रसारण कर्मी गर्जन सिंह वरकड़े द्वारा लिए गए रेड‍ियो साक्षात्कारों के संकलन ‘साहित्य संवाद’ का विमोचन कार्यक्रम में व्यक्त किए।

मुख्य वक्ता बीबीसी कर्मी, वर‍िष्ठ प्रसारक व लेखक मधुकर उपाध्याय ने कहा कि साहित्य संवाद पुस्तक में मूर्धन्य साहित्यकारों के साक्षात्कारों का जो संकलन किया गया है वह अद्भुत है। यह साक्षात्कार समय व काल का गहराई से विश्लेषण करते हैं। उन्होंने 1857 की क्रांति से वर्तमान तक के समय को विश्लेषित करते हुए कहा कि भारतीय साहित्य व साहित्यकार की दृष्टि सर्वश्रेष्ठ है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि चर्चित कथाकार राजेन्द्र दानी ने कहा कि गरजन सिंह वरकड़े आकाशवाणी की ईमानदारी से नौकरी करते हुए पेशेवर विशेषता से साहित्यकारों के ऐसे इंटरव्यू लिए जिसकी अपेक्षा विशेषज्ञों से की जाती है। विमोचन कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ आलोचक डॉ. भारती शुक्ला ने कहा कि किसी भी प्रकार के साक्षात्कार साहित्यकार के विचार व सोच को उकेरते हैं। कार्यक्रम का संचालन व आभार प्रदर्शन कथाकार पंकज स्वामी ने किया।

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