Wednesday, April 2, 2025
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नवग्रहों का मंत्रिमंडल: नव संवत्सर कालयुक्त में हुआ नवग्रहों का सत्ता पलट, चंद्रमा-बृहस्पति मंत्रिमंडल से हुए बाहर

Nav Samvatsar 2082 (हि.स.)। नव संवत्सर 2082 का आरंभ आज रविवार 30 मार्च 2025 को हो चुका है। इस नव संवत्सर का नाम कालयुक्त है। नए साल में ग्रहों का नया मंत्रिमंडल भी बदल गया है। अलग-अलग संक्रांतियों के अनुसार इसका विस्तार भी होगा। नवग्रहों के सत्ता परिवर्तन सरकार में इस बार चंद्रमा और बृहस्पति मंत्रिमंडल से बाहर रहेंगे। जबकि सूर्यदेव नव संवत्सर के राजा होंगे।

चतरा के जन्मकुंडली, वास्तु व कर्मकाण्ड परामर्श के विशेषज्ञ आचार्य पंडित चेतन पाण्डेय ने बताया कि सूर्यदेव राजा के साथ-साथ मंत्री और जल स्वामी के पद पर भी सुशोभित होंगे। नए साल के नवग्रहों की नई सरकार में कई ग्रहों का भाग्य चमकेगा तो कई ग्रह मंत्रिमंडल से बाहर रहेंगे। लिहाजा आने वाले नए साल में इस बार ग्रह और नक्षत्रों का कई असर देखने को मिलेंगे।

उन्होंने बताया कि मान्यता है कि हर वर्ष नए संवत्सर का प्रतिनिधित्व अलग-अलग ग्रह करते हैं। इसके लिए बकायदा ग्रहों की सरकार बनती है। इस सरकार में कामकाज और सृष्टि के संचालन के लिए ग्रहों के बीच कामकाज का बंटवारा होता है। जिस ग्रह को जो विभाग आवंटित होता है वह ग्रह पूरे एक साल उस विभाग का प्रतिनिधित्व करते हैं।

आचार्य ने बताया कि इस बार रविवार से नव संवत्सर की शुरुआत हुई है। अतः नए वर्ष का राजा सूर्य होंगे। ग्रह राज सूर्य राजा के साथ-साथ मंत्री, रक्षा मंत्री, जल एवं पर्यावरण मंत्री का भी दायित्व संभालेंगे। इनके अलावा मंत्रिमंडल में मंगल शरद उपज मंत्री होंगे। बुध खनिज पदार्थ, गृह उपज के साथ वित्त मंत्री का भी प्रभार में रहेंगे। रस पदार्थ के स्वामी शुक्र रहेंगे। जबकि शनि शाकफल का स्वामी का दायित्व निभाएंगे। वहीं इस वर्ष रोहिणी नक्षत्र का निवास समुद्र में होगा।

नव संवत्सर 2082 में लगेंगे दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण

आचार्य चेतन पाण्डेय ने बताया कि नव संवत्सर 2082 में चार ग्रहण लगेंगे। जिसमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण शामिल हैं। हालांकि इन चार ग्रहण में भारत में केवल दोनों चंद्र ग्रहण ही दिखाई देंगे। यहां सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देंगे। पहला चंद्र ग्रहण भाद्रपद पूर्णिमा 7 सितंबर 2025 को लगेगा यह संपूर्ण भारतवर्ष में दिखाई देगा। वहीं दूसरा चंद्र ग्रहण फाल्गुन पूर्णिमा दिनांक 3 मार्च 2026 को लगेगा। यह ग्रहण भी भारत में दिखाई देगा।

समुंद्र में निवास करेगा रोहिणी नक्षत्र, होगी झमाझम बारिश

आचार्य ने बताया कि नए साल में खूब बारिश होगी। लिहाजा किसान खुश रहेंगे। चूंकि नव संवत्सर में रोहिणी नक्षत्र का वास समुंद्र में होगा। ऐसे में बारिश की जबरदस्त संभावना बनेगी। हृषीकेश पंचांग के अनुसार इस बार आषाढ़, सावन, भाद्रपद और आश्विन के महीने में अच्छी बारिश होगी। कार्तिक के महीने में भी बारिश किसानों को खुश करेगी। वर्षा आधारित नक्षत्र किसानों को इस वर्ष खूब साथ देंगे। बारिश नए साल के प्रारंभ दौर में ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा।

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