भोपाल (हि.स.)। देशभर में रविवार, 30 मार्च को हिन्दू नववर्ष गुड़ी पड़वा का पर्व मनाया जाएगा। इससे पहले चैत्र कृष्ण पक्ष अमावस्या पर शनिवार, 29 मार्च को सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना होगी।
होली पर घटित चंद्रग्रहण की घटना के 15 दिन बाद यह आंशिक सूर्यग्रहण (पार्शियल सोलर इकलिप्स) की घटना होने जा रही है। हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं देगी। इसे यूरोप, उत्तरी एशिया, नार्थ अमेरिका का कुछ भाग, नार्थ वेस्ट अफ्रीका में देखा जा सकेगा।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने शुक्रवार को बताया कि भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2 बजकर 20 मिनिट 43 सेकंड से आरंभ होकर शाम 6 बजकर 13 मिनिट 45 सेकंड तक यह घटना होगी।
उन्होंने बताया कि ग्रहण पृथ्वी के एक हिस्से से आरंभ होकर दूसरे भूभाग पर समाप्त होगा। एक गणना के अनुसार आंशिक ग्रहण का कुछ न कुछ भाग विश्व की जनसंख्या का लगभग 9.94 प्रतिशत लोग देख सकेंगे।
सारिका ने बताया कि सूर्य और पृथ्वी के बीच परिक्रमा करते चंद्रमा के एक सीध में आ जाने से पृथ्वी के कुछ हिस्सों पर सूर्य पूरी तरह दिखाई नहीं देगा। इससे आंशिक सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना होगी। चंद्रग्रहण की घटना के दो सप्ताह बाद या पहले सूर्यग्रहण की घटना होती ही है।
सारिका ने जानकारी दी कि भारत के अधिकांश हिस्सों में सूर्यग्रहण को देखने के लिये दो अगस्त 2027 का इंतजार करना होगा। यह यहां आंशिक सूर्यग्रहण के रूप में दिखेगा।