भोपाल (हि.स.)। खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए शनिवार 4 जनवरी 2025 का दिन बेहद खास होने जा रहा है। इस दिन आसमान में दो खगोलीय घटनाएं होने जा रही है। पहली घटना में अंडाकार पथ में परिक्रमा करते हुये पृथ्वी इस साल के लिए सूर्य के सबसे नजदीक पहुंच रही है। भीषण सर्दी के इस मौसम में शनिवार को हम सूर्य के सबसे करीब होंगे, इसके बाद भी दुनियाभर को गर्मी देने वाला सूर्य ठंड से राहत नहीं देगा। वहीं, दूसरी घटना में शनिवार शाम को शनि, चंद्रमा और शुक्र आसमान में एक लाइन बनाते हुए नजर आएंगे।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने शुक्रवार इस बारे में बताया कि ठंड के इस मौसम में लगता है कि गर्मी देने वाला सूर्य शायद हमसे दूर हो गया है, लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने बताया कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करते हुये साल में एक दिन सूर्य के सबसे पास आती है और एक दिन सबसे दूर होती है। शनिवार को शाम 6 बजकर 58 मिनिट पर पृथ्वी सूर्य के सबसे पास के बिंदु पर पहुंच रही है और यह दूरी घटकर 14 करोड 71 लाख तीन हजार 686 किलोमीटर रह जाएगी। इसे पेरिहेलियन बिंदु पर आना कहते हैं।
सारिका ने बताया कि जुलाई में हम सूर्य के सबसे दूर होंगे। इस खगोलीय घटना को अफेलियन कहते हैं। शनिवार को हम अफेलियन की तुलना में लगभग 50 लाख किलोमीटर सूर्य से नजदीक रहेंगे। सूर्य के पृथ्वी के नजदीक आने के बाद भी हमें इस समय ठंड का अहसास इसलिये हो रहा है, क्योंकि हमारे भूभाग पर सूर्य की किरणें इस समय तिरछी पड़ रही हैं।
उन्होंने बताया कि शनिवार शाम को आसमान में एक दूसरी खगोलीय घटना भी देखने को मिलेगी। इसमें शनि, चंद्रमा और शुक्र को एक लाइन में रहकर चमकते हुए देखा जा सकेगा। सेटर्न (शनि), क्रिसेंट मून (चंद्रमा) और वीनस (शुक्र) के लाइन अप होने की इस घटना को सूर्यास्त के बाद से लगभग दो घंटे तक देखा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे अवसर बार-बार नहीं आते, इसलिए आए सूरज का सर्दी के मौसम में शीतलता का अहसास और शाम के आकाश में तीन चमकते खगोलीय पिंडों की कतार में देखने का मौका न गंवाएं।