प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में राइजिंग हिमाचल वैश्विक निवेशक सम्मेलन 2019 का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें सम्मेलन में ऐसे लोगों का स्वागत करते हुए प्रसन्नता हो रही है जो संपन्नता का माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि पहले अक्सर ऐसा होता था जब राज्य निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपनी तरफ से कई तरह की रियायतों की घोषणा करते थे और निवेशक इस बात की प्रतीक्षा करते थे कि कौन सा राज्य ज्यादा रियायतें और छूट दे रहा है। उन्होंने कहा कि लेकिन पिछले कुछ सालों में राज्यों को यह अहसास हुआ है कि उद्योग लगाने वालों को छूट और रियायतें देने की यह होड़ किसी के लिए फायदेमंद नहीं है, इससे न तो राज्य का भला होता है और न ही उद्योगों का।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि निवेशकों के लिए राज्य में निवेश के लिए ऐसा अनुकूल माहौल होना जरुरी है जो इंस्पेक्टर राज से मुक्त हो और जहां हर कदम पर परमिट लेने की जरुरत नहीं पड़े। उन्होंने कहा कि निवेशकों को ऐसा माहौल उपलब्ध कराने के लिए राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा चल रही है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इस दिशा में कई सुधार किए गए हैं, जिनमें कारोबार को सुगम बनाने और गैर जरूरी नियमों को समाप्त करने जैसे कदम शामिल हैं। राज्यों के बीच स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा से वैश्विक स्तर पर देश के उद्योग और अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसका लाभ राज्यों, स्थानीय लोगों और कुल मिलाकर पूरे देश को होगा और भारत तेज गति से प्रगति करेगा। उन्होंने कहा कि उद्योग भी एक साफ सुथरी तथा पारदर्शी व्यवस्था चाहते हैं। गैर जरूरी नियम और सरकारी हस्तक्षेप उद्योगों के विकास में रूकावट बनने का काम करते हैं। इनमें बदलाव की वजह से आज भारत कारोबार के लिए एक अनुकूल गंतव्य बन चुका है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में विकास नई सोच और नए दृष्टिकोण के साथ समाज, न्यू इंडिया को बढ़ावा देने वाली सरकार, साहसी उद्योग और साझेदारी की भावना वाले ज्ञान के चार पहियों पर आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कारोबारी सुगमता के मामलें में 2014 से 2019 के बीच भारत ने अपनी स्थिति में काफी सुधार किया है और ये 79 पायदान ऊपर चढा है। उन्होंने कहा कि हर साल प्रत्येक मानकों पर हमनें अपनी स्थिति सुधार रहे हैं। कारोबारी सुगमता के मामलें में बेहतर प्रदर्शन का अर्थ यह है कि हमारी सरकार उद्योगों की जमीनी स्तर की जरूरतों को भलि-भांति समझते हुए सही निर्णय ले रही है। यह केवल कारोबारी सुगमता के स्थिति में सुधार की ही बात नहीं है बल्कि भारत में कारोबार करने के तरीकों में एक क्रांतिकारी परिवर्तन भी है। मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में भारत इसलिए मजबूती से खड़ा है क्योकि हमनें अपनी अर्थव्यवस्था बुनियादी घटकों को कमजोर नहीं पड़ने दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज उद्योगों को शोधन क्षमता और दिवालिया संहिता के जरिए कठिन स्थिति से निकलने का रास्ता उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सरकार ने देश भर में रूकी हुई आवासीय परियोजनाओं को फिर से शुरू करने का फैसला लेकर मध्यम वर्ग की भलाई के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। इससे 4.58 लाख ऐसे परिवारों को अपना घर मिल सकेगा जिन्होंने ऐसी परियोजनाओं में अपना पैसा निवेश किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने नई घरेलू कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स में 15 प्रतिशत की कटौती की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने उद्योगों और वैश्विक प्रतिनिधियों से भारत को एक बेहतरीन गंतव्य स्थल के रूप में देखने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि आधारभूत संरचना विकास के लिए 100 लाख करोड़ रूपए के निवेश के फैसले से हिमाचल प्रदेश को भी फायदा होगा। उन्होंने राज्य में निवेश अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में कई ऐतिहासिक कदम उठाने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार की सराहना की। उन्होंने इस संदर्भ में राज्य सरकार द्वारा सिंगल विंडो की व्यवस्था करने, क्षेत्र विशेष नीतियां बनाने,भूमि आंवटन की प्रक्रिया पारदर्शी बनाने आदि जैसे उपायों का जिक्र करते हुए कहा कि ये सब चीजें हिमाचल प्रदेश को आज निवेश का आकर्षक स्थल बना रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सम्मेलन आयोजित करने से जुड़ी पर्यटन गतिविधियों की अपार संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में इस विषय से संबंधित एक कॉफी टेबल बुक भी जारी की।