भोपाल (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि धार जिले में इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल और अपैरल पार्क के लिए वस्त्र मंत्रालय द्वारा स्वीकृत 500 करोड़ रुपये की परियोजना से जुड़ी प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा किया जाए। पीएम मेगा टेक्सटाइल पार्क में 21 इकाइयों द्वारा 25 हजार से अधिक लोगों को रोजगार देने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए संबंधित एजेंसियां तत्परता से अपनी भूमिका का निर्वहन करें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार शाम को मंत्रालय में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने उद्योगों के विकास के लिए समेकित योजना तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक में प्रस्तावित औद्योगिक नीति पर भी चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों द्वारा मंजूरियां प्राप्त हुई हैं। इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए तेजी से कार्य करना है। वृहद परियोजनाओं में पीथमपुर, रतलाम में कुल 35 हजार करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश से एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इंदौर-पीथमपुर इकानॉमिक कॉरिडोर का विकास 3200 एकड़ क्षेत्र में प्रस्तावित है। यह परियोजना 2125 करोड़ रुपये की है और इससे लगभग एक लाख लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। इंदौर के मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क से भी 5 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इसकी लागत 20 हजार करोड़ रुपये है।
उन्होंने कहा कि उज्जैन के विक्रमपुरी उद्योग क्षेत्र में मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए भारत सरकार ने 100 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। यहां कुल 360 एकड़ क्षेत्रफल में 225 करोड़ रुपये की लागत से अधोसंरचनात्मक के कार्य किए जा रहे हैं। बीते छह महीने में 28 इकाइयों को 71. 83 एकड़ भूमि आवंटित की जा चुकी है। यहां लगभग साढ़े चार हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। मेडिकल इक्यूपमेंट के क्रय करने की प्रक्रिया भी वर्तमान में संचालित है। इसी तरह उज्जैन के विक्रमपुरी औद्योगिक क्षेत्र में गत छह माह में 58 अन्य औद्योगिक इकाइयों के लिए भी 459.24 एकड़ भूमि प्रदान की जा चुकी है। इस औद्योगिक क्षेत्र में कुल 5407.59 करोड़ के निवेश को मंजूरी मिली है। लगभग 15 हजार जरूरत मंद लोगों को रोजगार मिलेगा।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में रोजगार परक उद्योग स्थापना पर जोर दिया जा रहा है। आने वाले वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। जनवरी 2025 में इन्वेस्टर्स समिट भी प्रस्तावित है। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर रीजनल इंडस्ट्रियल समिट होंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रदेश में नए उद्योग निवेश के लिए भारत के प्रमुख नगरों में उद्योगपतियों के साथ बैठकें करेंगे। प्रदेश में स्पेस टेक्नोलॉजी पर नेशनल कांफ्रेंस होगी। बताया गया कि मेपकास्ट के साथ ही इसरो जैसी संस्थाओं के सहयोग से युवाओं के लिए उपयोगी उद्योगों और व्यवसाय के क्षेत्र की गतिविधियां होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओल्ड एज होम संचालन और धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में उद्योग विभाग प्रयास प्रारंभ करें। प्रदेश के दतिया, ओरछा और अन्य धार्मिक पर्यटन से जुड़े स्थानों पर बुजुर्गों के लिए रहने की सुविधा विकसित की जाए। इसके लिए बहुमंजिले भवनों की व्यवस्था भी की जा सकती है, जो संस्थान इस क्षेत्र में सहयोग करते हैं, उन्हें टेक्स संबंधी रियायत दी जाए।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 78 औद्योगिक इकाइयों के लोकार्पण और भूमि पूजन का कार्य शीघ्र ही हो रहा है। बैठक में बीते वर्ष हुई उद्योग समिट की प्रगति की भी समीक्षा की गई। इसके साथ ही उज्जैन में एक एवं दो मार्च को हुए रीजनल इंडस्ट्री कांन्क्लेव-2024 की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में मुख्य सचिव वीरा राणा, मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय संजय कुमार शुक्ला, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एवं औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग राघवेन्द्र कुमार सिंह तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री के प्रमुख निर्देश
– उद्योगों के विकास के लिए समेकित योजना तैयार करें।
– प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर रीजनल इंडस्ट्रियल कांन्क्लेव आयोजित की जाएं।
– प्रदेश में नए उद्योग निवेश के लिए भारत के प्रमुख नगरों में उद्योगपतियों के साथ बैठकें आयोजित की जाएं।
– प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म और नए क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं का अध्ययन किया जाए।
– आईटी क्षेत्र में रोजगार के लिए बड़ी संख्या में प्रदेश से बाहर जाते हैं युवा, उन्हें प्रदेश में ही कार्य मिल सके, ऐसे प्रयास किए जाएं।
– मूर्ति निर्माण, भगवान के वस्त्र तैयार करने जैसे क्षेत्रों में कार्य प्रारंभ किया जाए।
– प्रदेश में रोजगार परक उद्योग स्थापना पर अधिक ध्यान दिया जाए।
– जनवरी 2025 में इन्वेस्टर्स समिट की व्यवस्थित तैयारी प्रारंभ करें।