मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के योगेंद्र दुबे ने कहा कि मंहगाई भत्ता कर्मचारी का अधिकार है भीख या उपहार नहीं है। कर्मचारियों को 3 प्रतिशत मंहगाई भत्ता दिया गया, लेकिन सरकार द्वारा कहा जा रहा है कि वह 34 प्रतिशत भत्ता दे रही है। पूर्व में 11 प्रतिशत दिया गया, लेकिन करीबन 52 माह का एरियर्स नहीं दिया गया।
इसी तरह जनवरी 2022 के 3 प्रतिशत भत्ता 7 माह बाद दिया गया, लेकिन इस अवधि का एरियर नहीं दिया गया है। आज 10 लाख कर्मचारियों में आस थी कि उन्हें मुख्यमंत्री चिकित्सा बीमा योजना का लाभ मिलेगा, केंद के समान आवास भत्ता नहीं दिया जा रहा है, शहरी भत्ता भी नही दिया जा रहा, उसी तरह पेंशन के लाभ से भी कर्मचारियों को वंचित रखा गया है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, मंसूर बेग, चन्दु जाउलकर, संजय उपाध्याय, नितिन अग्रवाल, योगेन्द्र मिश्रा, मनीष चौबे, श्यामनारायण तिवारी, प्रणव साहू, मनीष लोहिया, मनोज सेन, धीरेन्द्र सोनी, मो तारिक, गणेश उपाध्याय, महेश कोरी, विष्णु पाण्डे, संतोष तिवारी, राकेश दुबे, सुदेश पाण्डे आदि ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि राज्य कर्मचारियों को केन्द्र के समान घोषित तिथि से मंहगाई भत्ता एवं सभी लंबित महीनों के एरियर्स की राशि, चिकित्सा बीमा योजना, शहरी भत्ता दिया जाए।