मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि मध्य प्रदेश के मुख्यिा के द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों को 8 प्रतिशत मंहगाई भत्ते का झुनझुना थमा दिया है। लंबे समय बाद बढ़ाया गया शासकीय कर्मचारियों का डीए ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।
मुख्यमंत्री द्वारा जो 8 प्रतिशत मंहगाई भत्ते की घोषणा की गई है, उसमें प्रदेश सरकार द्वारा मात्र 3 प्रतिशत मंहगाई भत्ता ही इस सरकार द्वारा दिया जा रहा है, 5 प्रतिशत मंहगाई भत्ता पूर्व सरकार द्वारा मार्च 2020 में ही लागू कर गया था, किन्तु असमय सरकार बदलने से कर्मचारियों के 5 प्रतिशत मंहगाई भत्ते पर रोक लगा दी गई।
साथ ही 19 माह बाद कर्मचारियों को मात्र 8 प्रतिशत मंहगाई भत्ता दिये जाने की घोषणा की गई है, जिसमें यह स्पष्ट नहीं की कितने प्रतिशत किस दिनांक से दिया जाना है तथा उसका एरियर्स पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। आज भी राज्य के कर्मचारी केन्द्रीय कर्मचारियों से 19 प्रतिशत पीछे हैं। राज्य शासन द्वारा अपने कर्मचारियों के साथ कोरोना के नाम पर जो शोषण किया जा रहा है, उससे कर्मचारी व उनका परिवार पीडि़त है।
संघ ने कहा कि दो वर्षों में मंहगाई अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई है पेट्रोल, डीजल, गैस, खाद्य तेल, अनाज, परिवहन आदि दो गुने से अधिक बढ़ चुके हैं, किन्तु कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता दो वर्ष पूर्व की दर से ही दिया जा रहा है। इसके विपरित कोरोना के इस संकट में भी विधायक व मंत्रियों के बंगले व गाडिय़ों पर खर्चों पर अनाप-शनाप बढ़ोतरी निरंतर जारी है। सरकार के इस दोहरे मापदण्ड से कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवघेश तिवारी, अटल उपाध्याय, जवाहर केवट, प्रहलाद उपध्याय, मुकेश सिंह, मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, आशुतोष तिवारी, दुर्गेश पाण्डे, मुन्ना लाल पटैल, नरेन्द्र सेन, मनोज राय द्वेय, शहजाद द्विवेदी, रजनीश पाण्डे, योगेन्द्र मिश्रा, अजय दुबे, अरूण दुबे, विनोद साह, बलराम नामदेव, अजय राजपूत, दालचन्द पासी, सतीश उपाध्याय, गोपाल पाठक, हरिशंकर गौतम, गणेश चतुर्वेदी, कैलाश शर्मा, लक्ष्मण परिहार, हर्षमनोज दुबे, केके तिवारी, विवेक तिवारी, नरेन्द्र चौहान, नेतराम झारिया, श्याम नारायण तिवारी, नितिन शर्मा, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, संतोष तिवारी आदि ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि केन्द्रीय कर्मचारियों के समान घोषित तिथियों अनुसार 31 प्रतिशत मंहगाई भत्ता दिया जाये।