उमरिया (हि.स.)। मध्य प्रदेश में उमरिया जिले में स्थित विश्व विख्यात बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व लगातार सुर्खियों में बना हुआ है, कभी वन्यजीवों की मौत तो कभी वन्यजीवों के हमले से ग्रामीणों की मौत, कभी जंगल मे आग इसका कारण रहते आए हैं। जबकि अब टाइगर रिजर्व की सुरक्षा में लगे 800 कर्मचारी लगातार वर्षों से अपनी 16 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रबंधन को आवेदन देते रहने के बाद जब उनका कोई निराकरण पार्क प्रबंधन द्वारा नहीं किया गया तो वे अनश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
दरअसल, प्रदेश सरकार और वन मुख्यालय भोपाल से इन सभी कर्मचारियों की मांगों को वर्षों पहले मानते हुए आदेश जारी कर दिए गए हैं लेकिन बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन अपनी हठधर्मिता के चलते इनकी मांगों और मुख्यालय के आदेश को लगातार नजरअंदाज कर रहा है। जिसके बाद कर्मचारियों ने आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया है। यहां के सभी कर्मचारी अब जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं।
मध्यप्रदेश वन कर्मचारी संघ भोपाल शाखा उमरिया बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जिला अध्यक्ष सुनील कुमार पनिका ने बताया कि हमारी 16 सूत्रीय मांगों को लेकर पार्क प्रबंधन से लगातार बातचीत की जाती रही है, जब राज्य सरकार को उन्हें मानने में कोई परेशानी नहीं, तब क्यों पार्क प्रबंधन इन्हें पूरा करना नहीं चाहता।
उन्होंने कहा कि हमारी जो प्रमुख मांग हैं, उनमें सबसे पहले साप्ताहिक अवकाश की मांग की है। कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) मप्र मोपाल का पत्र क्र/प्रबंध/3787 दिनांक 04/06/2018 से वन कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश दिये जाने का आदेश किया गया था. किन्तु आज दिनांक तक साप्ताहिक अवकाश का लाभ नहीं दिया जा रहा है। इसी तरह से वन कर्मचारी पूरे सप्ताह, दिन रात सभी मौसम में घर-परिवार से दूर रहकर पूर्ण निष्ठा से वन एवं वन्यप्राणियों की सूरक्षा करता है। किन्तु जॉचकर्ता अधिकारी द्वारा बीट निरीक्षण में कर्मचारी की लापरवाही नहीं पाये जाने का उल्लेख करने पर भी वसूली किया जा रही है।
सुनील कुमार पनिका ने बताया कि राष्ट्रीय वन शहीद दिवस का आयोजन शासकीय स्तर पर नहीं मनाया जाता है। राष्ट्रीय वन शहीद दिवस का आयोजन म.प्र. वन कर्मचारी संघ शाखा- बाँधवगढ टाइगर रिजर्व-उमरिया (म.प्र.) द्वारा कराया गया, जिसका सम्पूर्ण व्यय संघ से किया गया। तात्कालीन अधिकारियों द्वारा खर्चे का भुगतान बाद में करा दिया जायेगा कहा गया था, किन्तू आज दिनांक तक नहीं किया गया। वहीं, पेट्रोल/मो०सा० की अनुमतिः- बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व-उमरिया (म.प्र.) में पदस्था कर्मचारियों पेट्रोल / मो०सा० की अनुमति नहीं दी जा रही है। जबकि कर्मचारियों से उनके निजी मो० सा० का उपयोग कराते हुये काम लिया जा रहा है। इसके अलावा निःशुल्क पार्क भ्रमण में बाँधवगढ टाइगर रिजर्व उमरिया (म.प्र.) में पदस्थ कर्मचारियों को प्राथमिकता नहीं है। बाँधवगढ टाइगर रिजर्व-उमरिया (म.प्र.) में पदस्थ कर्मचारियों के परिवार जन से भी पार्क भ्रमण का शुल्क लिया जाता है। जबकि शासकीय वाहनों को व्हीआईपी के नाम से अन्यों को निःशुल्क सुविधा दिया जाती है।
उमरिया बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जिला अध्यक्ष का कहना यह भी है कि बाँधवगढ टाइगर रिजर्व उमरिया (म.प्र.) में पदस्थ कर्मचारियों के पास मूलभूत सुविधा नहीं है। जिस पर भी लंबित वेतन/ एरियर भुगतान के लिए कर्मचारियों को कई बार आवेदन करने पर बहुत बिलंब से उसका निराकरण किया जाााता है। फार्म नं. 16 हर वर्ष दिए जाने की हमारी मांग है।
इसके अलावा बॉधवगढ टाइगर रिजर्व-उमरिया (म.प्र.) में पदस्थ कर्मचारी / बाँधवगढ टाइगर रिजर्व-उमरिया (म.प्र.) से स्थानांतरित कर्मचारियों के गोपनीय प्रतिवेदन का गुमने से कर्मचारियों को पदोन्नति / समयमान वेतनमान नही मिल पा रहा है।गुमशुदा कटौत्रे पर बाँधवगढ प्रशासन द्वारा इस पर कोई धन नहीं दिया जाता है। सेवा पुस्तिका का सत्यापित द्वितीय प्रति आज तक किसी कर्मचारियों को नहीं दी गई है । वहीं, वर्ष 2007 के पूर्व भर्ती हुये किसी कर्मचारियों को पासबुक पुस्तिका की द्वितीय प्रति आज तक नहीं मिली है।
उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को पी.टी. एलाउंस व राशन भत्ता पूरे वर्ष का नहींंदिया गया है। सुरक्षा श्रमिकों को कुशल का वेतन भी सही दे देने के लिए अब तक छानबीन समिति की बैठक नहीं हुई है, इस कारण से सुरक्षा श्रमिकों को कुशल का वेतन नहीं मिल रहा है। वहीं, बाँधवगढ टाइगर रिजर्व उमरिया (म.प्र.) में हिंस वन्यप्राणियों द्वारा जनघायल/जनहानि के घटनाओं में बढोत्तरी हो रही है। जिस बॉधवगढ टाइगर रिजर्व उमरिया (म.प्र.) में पदस्थ कर्मचारी भी घायल हुये हैं। किन बाँधवगढ प्रशासन द्वारा सुरक्षा श्रमिकों की कमी को दूर करने पर कोई ध्यान नहीं दिन जा रहा है। अत: इन सभी मांगों को पूरा करने की हमारी पार्क प्रबंधन से गुजारिश है।