Saturday, December 28, 2024
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जबलपुर में बनेगा टेक्सटाइल का अत्याधुनिक स्किल डेवलपमेंट सेंटर: सीएम डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में अनेक क्षेत्रों में उद्योग स्थापना का कार्य प्राथमिकता से किया जायेगा। मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल, रक्षा संस्थान के लिए एक टैंक निर्माण, फार्मा क्षेत्र और पर्यटन के क्षेत्र में नए-नए उद्योग प्रारंभ किये जायेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज जबलपुर के “सुभाष चंद्र बोस कल्चरल एंड इनफॉरमेशन सेंटर” में रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव में उद्योगों से जुड़ी महत्वपूर्ण घोषणाएं की। यह सभी घोषणाएं उद्योगों के प्रोत्साहन से संबंधित हैं। कॉन्क्लेव में देश-विदेश के अनेक प्रमुख उद्योगपति शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जबलपुर में टेक्सटाइल के अति आधुनिक स्किल डेवलपमेंट सेंटर की शुरुआत की जायेगी, जिससे विशेष रूप से बहनों को रोजगार प्राप्त होगा।

मध्यप्रदेश में वर्ष 2024 की आज दूसरी रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव जबलपुर में हुई। इसमें ताईवान, मलेशिया, ब्रिटेन, फिजी और इंडोनेशिया के साथ और देश के विभिन्न राज्यों से बड़े उद्योगपति शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि गत मार्च-2024 में उज्जैन में इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हुई थी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कॉन्क्लेव में प्रदेश की 29 औद्योगिक इकाइयों के लोकार्पण और 38 औद्योगिक इकाइयों का भूमि-पूजन किया। प्रदेश के विभिन्न 10 स्थान से जन-प्रतिनिधि लोकार्पण और भूमि पूजन कार्यक्रम से जुड़े। इनमें कुल 1500 करोड रुपए का निवेश होगा और 4500 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। औद्योगिक इकाइयों को आशय-पत्र सौंपे गये, जिससे करीब 12 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। कुल 340 एकड़ भूमि के आवंटन के लिए आशय-पत्र सौंपे गये। कॉन्क्लेव में आईटी, आईटीईएस एवं ईएसडीएम पॉलिसी-2023 का विमोचन भी किया गया।

अशोक लीलैंड का करारनामा

कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में 600 करोड रूपये के निवेश के लिए अशोक लीलैंड और आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड के बीच करारनामा हुआ। उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में यह नया कदम है। यह रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश है। साथ ही सहयोग क्षेत्र में विकास और नवाचार को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में रक्षा संस्थान के लिए अब तक लोप निर्माण का कार्य होता रहा है, अब सेना के लिए टैंक भी बनाये जायेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 16 औद्योगिक पार्क के माध्यम से कुल 517 लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योगों द्वारा पौने छः हजार करोड़ का निवेश किया गया, जिससे 20 हजार लोगों को रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि आज 67 औद्योगिक इकाइयों का लोकार्पण और भूमिपूजन एक महत्वपूर्ण समेकित प्रयास है। प्रदेश के 10 स्थानों से मंत्री, सांसद, विधायक वर्चुअली जुड़े। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जन-प्रतिनिधियों से चर्चा कर उन्हें नवीन इकाइयों की सौगात के लिये बधाई दी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज कॉन्क्लेव में अनेक विभागों ने उद्द्योग हितैषी नीतियों की जानकारी दी है। खनिज के क्षेत्र में उड़ीसा के बाद मध्यप्रदेश द्वितीय स्थान पर है। खदानों की निलामी में मध्यप्रदेश की पारदर्शी प्रक्रिया देश में अग्रणी मानी गई है। इसके लिये भारत सरकार द्वारा पुरस्कार भी प्रदान किया गया। प्रदेश में हीरे का खनन तो होता है, अब इन्हें तराशने का कार्य भी किया जायेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व का उल्लेख करते हुये मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उन्होंने भारत ने दुनिया में अलग पहचान बनाई है। काल के प्रवाह में अनेक बाधाएं भी देश ने देखीं लेकिन भारत ने पराक्रम, परिश्रम और आत्मविश्वास से आगे बढ़ कर दिखा दिया है कि हमारी प्रगति को कोई रोक नहीं सकता।

उद्योगपतियों को दिया मध्यप्रदेश आने का आमंत्रण

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योगपतियों से आहवान किया कि वे मध्यप्रदेश आएं। उन्होंने कहा कि श्रम के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश में प्रोत्साहनकारी नीतियां हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक नए कार्य हो रहे हैं। पिछले दो-तीन वर्ष में विश्वविद्यालयों के माध्यम से रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाया गया है। प्रदेश में पहले कभी सिर्फ 5 मेडिकल कॉलेज होते थे, अब यह संख्या बढ़कर 25 होने जा रही है। प्रदेश में सघन वन क्षेत्र है। इस क्षेत्र में भी संभावनाओं को तलाश कर उन्हें साकार किया जायेगा। फार्मास्युटिकल क्षेत्र में 275 इकाइयां कार्य कर रही हैं। अकेले पीथमपुर में 60 इकाइयां हैं। हमारे प्रदेश से 160 से अधिक देशों को फार्मा प्रोडक्ट निर्यात किये जाते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि खाद्य प्र-संस्करण के क्षेत्र में 150 प्रतिशत प्रोत्साहन के लिये हम तैयार हैं। प्रदेश में उद्योगों को पानी और बिजली की आपूर्ति पर विशेष राहत प्रदान की गई है। दो मेगा फूड पार्क आ रहे है। पहले से 8 फूड पार्क संचालित है। ऐसी इकाइयों की संख्या निरन्तर बढ़ाई जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वोल्वो आयशर के एमडी से आग्रह किया कि वे मध्यप्रदेश में रिसर्च सेंटर भी प्रारंभ करें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रारंभ में उद्योगों के विकास से संबंधित प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन किया। जबलपुर हाट के अंतर्गत विभिन्न लघु उद्योग इकाइयों और व्यवसायियों द्वारा उत्पाद सामग्री का विवरण प्रदर्शनी में दिया गया।

उद्घाटन सत्र के प्रारंभ में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन एवं मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री राघवेंद्र कुमार सिंह ने विभिन्न उद्योगपतियों का शॉल और पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। उपस्थित अतिथियों में अडानी पॉवर, नेटलिंक, वैद्यनाथ ग्रुप दावत फूड्स, वोल्वो आयशर, एवीएनएल, एनसीएल, स्वराज शूटिंग लोहिया एनर्जी, आदि-शक्ति राइस मिल, फिनिक्स पोल्ट्री, इनफो-विजन दुबई और दलित चेंबर ऑफ कॉमर्स (डिक्की) सहित अन्य अनेक उद्योग संगठनों के पदाधिकारी शामिल थे। प्रमुख सचिव श्री राघवेंद्र कुमार सिंह ने मध्यप्रदेश की निवेश नीति और निवेश संभावनाओं पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने प्रदेश में औद्योगिक अधो-संरचना और औद्योगिक कॉरिडोर की विशेषताओं के साथ निवेशक अनुकूल औद्योगिक नीति में सब्सिडी और वित्तीय प्रोत्साहन पर भी प्रकाश डाला। साथ ही सभी निवेशकों को आगामी वर्ष 2025 में 7-8 फरवरी को भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सहभागिता के लिए आमन्त्रित किया।

कॉन्क्लेव के शुभारम्भ अवसर पर अतिथियों का स्वागत कर मध्यप्रदेश की विशेषताओं पर केंद्रित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। जबलपुर की रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 4 हजार से ज्यादा निवेशक जुटे। निवेश के लिए उद्यमियों से वन-टू-वन चर्चा भी हुई। कॉन्क्लेव में 5 सेक्टर्स एयो, माइंस, डिफेंस, टूरिज्म और गारमेंट्स उद्योग पर फोकस किया गया।

प्रमुख सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग डॉ. नवनीत मोहन कोठारी ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग और स्टार्ट-अप की वर्तमान स्थिति, इकोनॉमी में योगदान, भविष्य की संभावनाओं और अवसरों पर प्रेजेंटेशन दिया। महाकौशल क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के विभिन्न सेक्टर, एमएसएमई पॉलिसी के लाभ और निवेश प्रोत्साहन की विशेषताओं से अवगत कराया।

प्रमुख सचिव खनिज निकुंज श्रीवास्तव ने प्रदेश में उपलब्ध विभिन्न खनिज, खनिज से जुड़े उद्योगों में निवेश के अवसरों, एक्सप्लोरेशन की संभावनाओं पर प्रेजेंटेशन दिया। खनिज नीलामी में निवेशकों के लिए सरल और पारदर्शी ऑनलाइन प्रक्रिया, आसानी से मिलने वाली अनुमतियों की प्रक्रिया की जानकारी दी। साथ ही मध्यप्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी सेक्टर की जानकारी और संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए निवेशकों को सूचना प्रौद्योगिकी सेक्टर में निवेश करने के लिए आमन्त्रित किया। इसी अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश आईटी, आईटीईएस एंड ईएसडीएम इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिस-2023 की प्रक्रिया का निर्धारण करने वाली गाइडलाईन का विमोचन भी किया।

निवेशकों ने कहा “मध्यप्रदेश में लीडरशिप पर भरोसा है, मध्यप्रदेश सरताज बनेगा”

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कॉन्क्लेव के दौरान राज्य की खनिज नीति के संदर्भ में तैयार की गई मार्गदर्शक पुस्तिका का विमोचन किया। कॉन्क्लेव में हाइडलबर्ग सीमेंट के सीईओ जॉयदीप मुखर्जी, प्रतिभा सिंटेक्स के एमडी श्रेयस्कर चौधरी, वीई कॉमर्शियल व्हीकल के एमडी विनोद अग्रवाल और एसआरएफ लिमिटेड के सीएमडी आशीष भारतम ने प्रदेश में निवेश करने के सुखद अनुभव सांझा किए। उन्होंने प्रदेश की सरल नीतियों और प्रोत्साहन को उद्द्योगों के लिए लाभदायक बताते हुए सभी निवेशकों को प्रदेश में निवेश करने के लिए आमन्त्रित किया। जॉयदीप मुखर्जी ने कहा कि उन्हें लीडरशिप पर भरोसा है। मध्यप्रदेश में इसलिये निवेशक निवेश करने में रूचि लेते हैं। प्रतिभा सिंटेक्स के श्रेयस्कर चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव की जैसा कहते है, उसे पूरा भी करते है। वोल्वो आयशर के विनोद अग्रवाल ने कहा कि उन्हें मध्यप्रदेश में 35 हजार से अधिक लोगों को रोजगार देकर प्रसन्नता हुई है। प्रदेश में उद्योगों के अनुकूल वातावरण है। मध्यप्रदेश भारत का दिल है और अब मध्यप्रदेश सरताज बनेगा।

उद्योगपतियों के साथ अन्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि भी कॉन्क्लेव में हुए शामिल

प्रमुख उद्द्योगपतियों, विभिन्न उद्योग संघों के प्रतिनिधियों, नौकरशाहों और प्रमुख विदेशी प्रतिनिधियों सहित 4 हजार से अधिक हितधारकों की भारी भागीदारी देखी गई, जो राज्य की औद्योगिक विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ और संस्कारधानी में औद्योगिक विकास और निवेश के अवसरों को बढ़ावा मिला।

कॉन्क्लेव में 700 से अधिक खरीदार-विक्रेता बैठकों के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया, जिससे व्यवसायों और संभावित निवेशकों के बीच सीधी बातचीत की सुविधा मिली। मुख्यमंत्री और प्रमुख उद्योगपतियों के बीच लगभग 30 वन-टू-वन बैठकें हुई। इसके अलावा प्रदेश की 265 इकाइयों को 340 एकड़ भूमि के आवंटन के लिए आशय-पत्र जारी किए गए थे। इससे कुल 1,800 करोड़ रुपये और 12 हजार व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजित होंगे।

राज्य सरकार ने प्रतिबद्धतापूर्वक जबलपुर स्मार्ट सिटी पहल के तहत स्टार्टअप्स को धन के आवंटन और वितरण की भी घोषणा की। कॉन्क्लेव में 30 से अधिक वक्ताओं और पैनलिस्टों के साथ कई क्षेत्रीय सत्र आयोजित किए गए, जिनमें वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे, जिन्होंने पर्यटन में विशिष्ट अवसरों पर चर्चा करते हुए पैनल चर्चा में भाग लिया। इसमें वस्त्र एवं परिधान, रक्षा, कृषि, खाद्य प्र-संस्करण एवं डेयरी और खनन एवं खनिज क्षेत्र शामिल है। इन सत्रों ने हितधारकों को सार्थक चर्चाओं में शामिल होने और संभावित साझेदारियों का पता लगाने के लिए एक मंच प्रदान किया। उद्योग संघों, स्टार्टअप्स और रक्षा, कपड़ा और परिधान के विशेषज्ञों के साथ गोलमेज चर्चा की गई, जिसमें प्रमुख वक्ता शामिल थे।

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव की सोच प्रदेश को नई ऊँचाइयों पर लेकर जाने की है। प्रदेश में विकास की असीम संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि निवेशक तभी आगे आता है जब उस क्षेत्र में निवेश करने की संभावना नज़र आती है। जबलपुर की जलवायु, माहौल, लोगों की श्रम-शक्ति एवं उनकी सकारात्मक सोच उद्योगों के विकास के लिए मुफीद है। यह फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स लगाये जाने के लिए उपयुक्त है क्योंकि यहाँ सब्ज़ियों का उत्पादन अधिक होता है, जिसमें हरी मटर की माँग समूचे देश और विदेश में है। पर्यटन की दृष्टि से अमरकंटक, कान्हा, पेंच नेशनल पार्क और खजुराहो मुख्य आकर्षण का केंद्र है। यह सभी मुख्य पर्यटन स्थल जबलपुर से नज़दीक है, जिससे यहाँ होटल इंडस्ट्री के विकास के उचित अवसर मिलते हैं। भेड़ाघाट एवं संगमरमर की वादियों फिल्म उद्योग के लिए अनुकूल स्थान है। जबलपुर में 4 डिफेंस फैक्ट्री हैं। इस सेक्टर में निजी क्षेत्र का निवेश भी आ रहा है। जबलपुर रेलवे स्टेशन एवं एयरपोर्ट की सुविधा होने से कनेक्टिविटी आसान है। यहाँ प्रदेश का सबसे बड़ा फ्लाइओवर, देश का पहला जियोलॉजिकल पार्क एवं देश की दूसरी सबसे बड़ी 118 किलोमीटर की रिंग रोड बन रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की दूरदर्शी सोच के कारण ही आज जबलपुर में कॉन्क्लेव आयोजित की गई है।

एमएसएमई मंत्री चैतन्य काश्यप ने कहा कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव एक ऐसी शुरुआत है जो मध्यप्रदेश को देश में अलग स्थान प्रदान करेगी। महाकाल की नगरी उज्जैन से इसकी शुरुआत हुई जो आज महाकौशल में पहुंची है। यह कॉन्क्लेव क्षेत्र के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। इसका उद्देश्य किसी क्षेत्र विशेष तक ही सीमित न करते हुये प्रदेश के सभी क्षेत्रों का विकास सामूहिक रूप से करना है। साथ ही स्थानीय उद्योगपतियों को विकास के नये अवसर प्रदान करना है, जिससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार सृजन हो। मंत्री चैतन्य काश्यप ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में मेक इन इंडिया कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है इसके अंतर्गत डिफेंस सेक्टर पर विशेष फोकस किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशानुसार प्रदेश में उद्योगों की श्रृंखला स्थापित करने की इस सोच से प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा। एमएसएमई सेक्टर का अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश के 16 जिलों में भी नई उद्योग इकाई लगाने की योजना प्रस्तावित है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती संपतिया उइके, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, श्रीमती ललिता पारधी, जबलपुर के महापौर जगत बहादुर अन्नू एवं जन-प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

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