दमोह (हि.स.)। शिक्षक को कार्यमुक्त करने के बाद शिक्षक के द्वारा आदेश लेने से इंकार करने का मामला सामने आया है। मामला दमोह जिले के हटा विकास खंड का है, जहां एमआरसी के पद पर कार्य कर रहे मुरारी लाल अहिरवार को बीआरसी हटा के द्वारा 5 अप्रैल शुक्रवार को कार्यमुक्त कर दिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुरारी लाल अहिरवार ने आदेश को लेने से इंकार कर दिया है। सूत्रों की मानें तो मुरारी लाल अहिरवार की मूल पदस्थापना हटा के ही ग्राम काईखेडा के हायर सेकेण्डरी विद्यालय में है। विभाग के ही कुछ अधिकारी-कर्मचारियों की सांठगांठ के चलते मुरारी लाल की पदस्थपना दमोह के तत्कालीन डीपीसी के द्वारा एमआरसी के पद पर कर दी गई थी।
उच्चाधिकारियों को संज्ञान में लाये बिना हुई नियुक्ति के संबध में लगातार प्रश्न भी उठे थे और चर्चायें भी बनी रही थीं। जानकारों की मानें तो मुरारी लाल जिस विभाग में पदस्थ हैं वह जिला शिक्षा अधिकारी के अंतर्गत आता है। वहीं एमआरसी का पद विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा प्रदान करने के लिये बनाया गया है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार मुरारी लाल अहिरवार पद के लिये निर्धारित योग्यता को पूर्ण नहीं करते थे। काईखेडा हायर सेकेण्डरी विद्यालय में अध्यनरत बच्चों के भविष्य को देखते हुये हटा बीआरसी द्वारा मुरारी लाल अहिरवार को कार्यमुक्त कर दिया गया, लेकिन यहां मुरारी लाल ने आदेश लेने से साफ इंकार कर दिया है।
इस संबंध में जब बीआरसी हरीश अहिरवार से बात की गई तो उन्होंने इस बात की पुष्टि करते हुये कहा कि आदेश लेने से इंकार किया गया है। उन्होंने बताया कि इस संबध में उच्चाधिकारियों को सूचना दे दी गयी है।