भोपाल (हि.स.)। मध्य प्रदेश के दमोह जिले में स्थित आचार्य विद्यासागर महाराज की तपोस्थली कुंडलपुर में आज (मंगलवार आचार्य पद पदारोहण महोत्सव हो रहा है। इसमें जैन मुनि समय सागर महाराज, आचार्य विद्यासागर महाराज के उत्तराधिकारी के रूप में आचार्य पद स्वीकार करेंगे।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. प्रमुख मोहन भागवत और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल होंगे। महोत्सव में देशभर से 400 से ज्यादा जैन मुनि और करीब पांच लाख अनुयायियों के पहुंचने का अनुमान है। भारत के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ विदेशों से भी श्रावकों के पहुंचने का सिलसिला जारी है।
महोत्सव की व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई हैं। कुंडलपुर में पदारोहण महोत्सव के लिए 200 एकड़ भूमि पर तैयारियां की गई हैं। मुख्य पंडाल, भोजशाला, बाहर से आए लोगों के लिए एसी रूम और डॉरमेट्री समेत अन्य जरूरी इंतजाम हैं। वहीं, सात एकड़ जमीन पर मुख्य पंडाल अलग से बनाया गया है। यहां आचार्य पद पदारोहण का कार्यक्रम होगा। पंडाल ढाई लाख वर्गफीट में तैयार किया गया है। इसके बीचों-बीच 10 फीट ऊंचाई पर आचार्य समय सागर महाराज विराजेंगे। वरिष्ठता के आधार पर जमीन से छह फीट, पांच फीट, चार फीट की ऊंचाई पर मुनि संघ के विराजमान की व्यवस्था की गई है। पंडाल में एक साथ दो लाख लोग बैठ सकेंगे। कार्यक्रम स्थल पर कुंडलपुर कमेटी और प्रशासन ने चाक चौबंद व्यवस्था की है।
50 हजार लोग एक साथ कर सकेंगे भोजन
महोत्सव के लिए मुख्य कार्यक्रम स्थल से लगी दो भोजनशाला बनाई गई हैं। इनमें लोगों के बैठकर खाना खाने की व्यवस्था रहेगी। एक भोजनशाला में एक साथ 25 हजार से अधिक लोग बैठकर भोजन कर सकेंगे। भोजनशाला में सुबह 8 से शाम 7 बजे तक भोजन मिलेगा। यहां दो लाख से अधिक लोगों के खाने की व्यवस्था है। इसके साथ ही भोजन के 50 हजार पैकेट भी तैयार करवाए गए हैं।
आयोजन के लिए किसानों ने नि:शुल्क दी जमीन
महोत्सव के लिए तीर्थ क्षेत्र के आसपास रहने वाले किसानों ने मंदिर समिति को नि:शुल्क जमीन दी है। जिस पर पंडाल, एसी रूम, भोजनशाला समेत अन्य तैयारियां की गई हैं। किसान तुलसीराम कुशवाह ने बताया कि आयोजन के बाद मंदिर समिति खेतों को व्यवस्थित कराकर वापस देती है। पहले भी किसान आयोजन की तैयारियों के लिए जमीन देते रहे हैं। आयोजन के लिए करीब 100 एकड़ जमीन किसानों नि:शुल्क दी है।
समय सागर महाराज का परिचय
गत 18 फरवरी को आचार्य विद्यासागर महाराज का समाधिमरण होने के बाद उनके प्रथम शिष्य मुनि समय सागर महाराज को आचार्य पद सौंपा जा रहा है। मुनि समय सागर आचार्य श्री के छोटे भाई हैं। कर्नाटक के सदलगा में 27 अक्टूबर 1958 को उनका जन्म हुआ और 2 मई 1975 को उन्होंने ब्रह्मचर्य व्रत लिया, 18 दिसंबर 1975 को छुल्लक दीक्षा हुई। नैनागिरी छतरपुर में 31 अक्टूबर 1978 और 8 मार्च 1980 को द्रोणगिरी छतरपुर में एलक दीक्षा हुई। आचार्य विद्यासागर महाराज के गृहस्थ जीवन के सगे भाई मुनि समय सागर महाराज और मुनि योगसागर महाराज कुंडलपुर में विराजमान हैं। छह भाई-बहनों में यह छठे नंबर पर के हैं।