Tuesday, November 26, 2024
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प्रभार पाकर खुद को प्रबंधन से ऊपर समझते हैं युवा बिजली अधिकारी, लाईनमैनों को कर रहे प्रताड़ित

बिजली कंपनी प्रबंधन द्वारा मैदानी अधिकारियों की कमी को देखते हुए अनेक परीक्षण सहायकों को जेई का, जेई को एई का, एई को डीई का प्रभार सौंपा गया है। प्रभार पाकर अधिकारी बने ये नए युवा इंजीनियर खुद को प्रबंधन से भी ऊपर समझने लगे हैं।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि विद्युत कंपनी प्रबंधन के द्वारा जिन अधिकारियों को उच्च पद का प्रभार सौंपा गया है, वे अपने सीनियर लाइनमैनों पर साहबगिरी झाड़ने लगे हैं और कई तरह से प्रताड़ित कर रहे हैं।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि ये सब वो युवा अधिकारी हैं, जिनको यह नहीं पता है कि वर्ष 1974 में विद्युत मंडल की स्थिति बहुत खराब थी, विद्युत मंडल के द्वारा मस्टर रोल चालू करके हजारों की तादात में युवा श्रमिक भर्ती किये गए और उनसे गड्ढा खुदवा कर पोल गाड़े गए, इसके बाद तार खींचकर डीपी बनाई। मजरा-टोला, गांव एवं पहाड़ पर कंधे में रखकर पोल ढोए हैं, तब कहीं पूरे मध्य प्रदेश में विद्युत तंत्र बना।

उन्होंने कहा कि आज भी उस समय के पोल वहीं के वहीं पर खड़े हैं। वरिष्ठ कर्मचारियों ने बड़ी कठिनाइयों से विद्युत तंत्र बनाया। युवा इंजीनियर को बना बनाया मिल गया तो वो इसकी कद्र नहीं कर रहे। युवा इंजीनियर, लाईनमैनों को छोटी-छोटी सी बात में नोटिस देकर मानसिक प्रताड़ित करते हैं, लगातार धमकी भी देते हैं। जबरदस्ती के आरोप लगाते हैं। साइड में युवा इंजीनियर जाते नहीं है, 30 दिन तकनीकी कर्मचारियों से कार्य कराते हैं, छुट्टी देते नहीं है। परिवार या स्वयं का स्वास्थ्य खराब होने पर भी छुट्टी नहीं मिलती है।

वरिष्ठ लाईनमैनों का कहना है कि 30 साल की नौकरी में कभी भी पुराने अधिकारियों के द्वारा परेशान नहीं किया जाता था, क्योंकि वे परेशानी को समझते थे। मगर आज के युवा अधिकारी परेशानी को समझने के लिए तैयार नहीं है। अनेक लाईनमैनों के द्वारा कहना है कि अगर ज्यादा परेशान हम लोगों को किया गया तो हम लोग स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले लेंगे।

संघ के मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, अमीन अंसारी, मदन पटेल, दशरथ शर्मा आदि ने मध्य प्रदेश विद्युत मंडल की उतरवर्ती कंपनियों के प्रबंधन से मांग की है कि युवा अधिकारियों को आदेशित कर तकनीकी कर्मचारियों को प्रताड़ित न करने के लिए कहा जाए।

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