मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के विकास के लिए सभी अधिकारी टीम भावना से कार्य करें। सरकारी कार्यों की जानकारी हर अधिकारी को होना चाहिए। सभी विभागों के अधिकारी समन्वय बनाकर कार्य करें। एक-दूसरे के विभाग के कार्यों को समझें और विसंगति हो तो तत्काल उसे दूर करने के प्रयास करें। सीएम चौहान मंत्रालय में पूर्व की विभागीय बैठकों में दिए गए निर्देशों के पालन की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मंत्रीगण, मुख्य सचिव, समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं सचिव उपस्थित रहे।
सीएम चौहान ने कहा कि विभागों को दिये गये निर्देशों पर कार्यवाही की नियमित समीक्षा होगी। समस्याओं का तत्काल निराकरण हो। योजनाओं में भारत सरकार से अधिकाधिक राशि प्राप्त करने की कोशिश करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में अच्छे कार्य करने वालों को सम्मानित करने की व्यवस्था करें। समाज की अच्छाई सभी के सामने आये।
उन्होंने कहा कि सिंचाई परियोजनाओं के लिए जल उपयोग शुल्क 500 रुपये प्रति एकड़ निर्धारित किया जायेगा। अधिकारी दौरा करें इसकी नियमित समीक्षा की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जुलाई से सभी संभागीय आईटीआई शुरू कर दी जाये। तकनीकी शिक्षा विभाग के साथ समन्वय कर ग्रामीण इंजीनियर संवर्ग तैयार किया जाये। नल से घर-घर पानी पहुँचाने के लिए कार्य करें। निमार्ण कार्यों में गुणवत्ता का ध्यान रखा जाये। विधायक भी अपने क्षेत्र में नल-जल योजनाओं के कार्यों की मॉनिटरिंग करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी सिंचाई परियोजनाओं का फील्ड निरीक्षण करें। सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने में विलम्ब नहीं हो। केन-बेतवा लिंक परियोजना का कार्य प्राथमिकता से पूरा करें।
सीएम चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का तेजी से क्रियान्वयन किया जाये। पुलिस एवं रक्षा सेवाओं में युवाओं की भर्ती के लिए संस्थागत प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाये। सीएम राइज स्कूलों को जमीनी स्तर पर प्रारम्भ करने के लिए त्वरित कार्यवाही करें। स्कूलों की रैकिंग करें। योग एवं खेल के लिए शिक्षकों की व्यवस्था और योग आयोग का गठन किया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई स्टार्ट-अप नीति और इन्क्यूबेशन सेन्टर को जोड़कर तेजी से कार्य करें। उच्च शिक्षा में विद्यार्थी जैविक खेती के पाठ्यक्रमों को अधिक संख्या में पसंद कर रहे हैं, ऐसे पाठ्यक्रमों को बढ़ावा दें। नैक मूल्यांकन के लिए 75 महाविद्यालयों ने तैयारी कर ली है। साथ ही 50 महाविद्यालयों को बहुसंकाय महाविद्यालय बनाने का कार्य चल रहा है। यह कार्य निरंतर जारी रहे। शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय शिवपुरी का सुदृढ़ीकरण करें। खेल पुरस्कार-2021 का अलंकरण समारोह आयोजित किया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेल के मैदान विकसित करने और उनके उपयोग के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से समन्वय कर कार्य करें। खेलों को बढ़ावा देने के लिये मुख्यमंत्री कप और विधायक कप प्रतियोगिता आयोजित की जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों एवं व्यवसायिक संगठनों के माध्यम से निजी स्पॉन्सरशिप को बढ़ावा दिया जाये, ताकि कोई अनाथ बच्चा बेसहारा न रहे। उन्होंने कहा कि आँगनवाड़ी गोद लेने के लिए मिलकर कार्य करें। अभी 55 हजार लोगों ने आँगनवाड़ी गोद ली है। प्रदेश में 97 हजार से अधिक आँगनवाड़ियाँ हैं। आँगनवाड़ी भवनों के अधूरे कार्य तेजी से पूरा करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 की संक्षेपिका बन गई है। बेटियों की जिंदगी को खुशहाल बनाने के लिए भरपूर प्रयास हों। प्रदेश में बेटियों के जन्म का रेशियो 914 से बढ़कर 956 हो गया है, जिसमें लाड़ली लक्ष्मी योजना का बड़ा योगदान है। आगामी बजट में चाइल्ड बजटिंग का भी प्रावधान करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य और महिला-बाल विकास विभाग स्वस्थ बच्चा स्पर्धा का आयोजन करें। जनजातीय छात्रावासों का रख-रखाव एवं संधारण का कार्य युद्ध स्तर पर हो। छात्रावासों के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि छात्रावास निरीक्षण के लिए एप तैयार कर समस्त निरीक्षण, भोजन व्यवस्था को अपलोड कराया जाये। भवनों का संधारण हर साल हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछड़ा वर्ग के छात्रावासों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाये। गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्यवाही करना हम सबकी जिम्मेदारी है। अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम स्व-रोजगार की कार्य-योजना बनाये। उन्होंने कहा कि विमुक्त वर्ग में सम्मिलित समुदायों के राशन कार्ड एवं जाति प्रमाण-पत्र बनाने में कठिनाई नहीं हो।
सीएम चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत अधो-संरचना मिशन में मरम्मत के लिए कार्य-योजना बनाई गई है। शहरी स्वास्थ्य केंद्रों को मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर विकसित कर मॉडल बनायें। आयुष्मान भारत योजना में कार्ड बनाने का अभियान चल रहा है। प्रदेश में 2 करोड़ 60 लाख कार्ड बने हैं, जो देश में सबसे ज्यादा हैं। जन-औषधि केंद्र से सस्ती दवाइयाँ मिल रही हैं। इन केंद्रों और प्राइवेट अस्पताल का तालमेल बनाकर मरीजों को सस्ती दवाएँ उपलब्ध करवाये।