मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि महिला बाल विकास कार्यालय में जंगलराज मचा हुआ है। यहाँ कोरोना गाईडलाइन के विपरित कर्मचारियों को मौखिक रूप से बिना किसी लिखित आदेश के कार्यालय बुलाया जा रहा है।
जबकि शासन द्वारा पूरे प्रदेश में जनता कर्फ्यू लागू किया गया है। कर्फ्यू के दौरान केवल अतिआवश्यक सेवाओं से जुड़े विभाग पुलिस, आपदा प्रबंधन, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, जेल, राजस्व, पेयजल आपूर्ति, नगरीय प्रशासन, ग्रामीण विकास, विद्युत प्रदाय, सार्वजनिक परिवहन एवं कोषालय आदि को 10 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति साथ कार्यालय संचालित करने के निर्देश हैं।
इसके बाद भी महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के उद्देश्य से चिन्ह-चिन्ह कर कार्यालय बुलाया जा रहा है। जो जनता कर्फ्यू के उल्लंघन के साथ ही कर्मचारियों की जान जोखिम में डालने वाला भी है। जिसका संघ विरोध करता है।
इस अवसर पर संघ के अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डे, आशुतोष तिवारी, मुन्ना लाल पटैल, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, प्रणव साह, राकेश दुबे, तरूण पंचौली, श्यामनारायण तिवारी, मनीष चौबे, सोनल दुवे, देवदत्त शुक्ला, मनोज सेन, अभिषेक मिश्रा, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, महेश कोरी, प्रियांशु शुक्ला, संतोष तिवारी, विजय कोष्टी, अब्दुल्ला चिश्ती, आदि कलेक्टर जबलपुर से मांग की है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी की हिटलरशाही पर रोक लगाई जाये।