मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि वर्तमान परिदृश्य में भारत सबसे युवा देशों में से एक है। प्रधानंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन अनुरूप हमें युवा शक्ति का संपूर्ण उपयोग राष्ट्रहित और विकास में करना है। डेयरी टेक्नोलॉजी युवाओं के लिए एक नया मार्ग खोलती है। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में डेयरी टेक्नोलॉजी की अकादमिक डिग्री कोर्स की शुरुआत की जा रही है। पशुपालन का डिग्री कोर्स अब जबलपुर के साथ उज्जैन में भी छात्रों को प्रदाय किया जाएगा। भविष्य में अन्य विश्वविद्यालयों में भी यह कोर्स राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अनुसार प्रदान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के स्वर्ण जयंती सभागृह में रविवार को पशुपालन विभाग एवं विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित संगोष्ठी को सबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि डेयरी टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षित कौशल प्राप्त युवा डेयरी टेक्नोलॉजी का उपयोग कर अपने मजबूत इरादों और मेहनत से दूध उत्पादन में मध्यप्रदेश को सर्वोच्च स्थान पर ले जाएंगे। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है और दुग्ध उत्पादन में 9% की भागीदारी के साथ मध्यप्रदेश का देश में तीसरा स्थान है। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन का औसत 673 ग्राम है, जबकि राष्ट्रीय औसत 471 ग्राम का है। हमें इन उपलब्धियों से संतुष्ट नहीं होना है। प्रदेश की भौगोलिक स्थिति, अथाह जल संपदा और उर्वरा भूमि को देखते हुए सही दिशा में समेकित प्रयास करने पर हम डेयरी के क्षेत्र में देश का नंबर-1 राज्य बनाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश को देश का डेयरी कैपिटल बनाने के लिए दूध की प्रति लीटर क्रय के आधार पर सरकार पशुपालकों को बोनस भी प्रदान करेगी। इसी के साथ पशुधन के लिए पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए भी सरकार संपूर्ण रूप से प्रयासरत है। इसके लिए सिंचाई का नया रकवा बढ़ाया जाएगा। मालवा का क्षेत्र कृषि में भी समृद्ध है और अब पशुपालन में भी समृद्ध बनेगा।