मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में पीएम किसान समृद्धि केंद्र की स्थापना की जाएगी। सोयाबीन की फसल के साथ ज्वार, बाजरा, मक्का की फसलों को भी प्रोत्साहित किया जाए। किसानों को पीएम किसान समृद्धि केंद्रों के द्वारा खाद, बीज, कृषि उपकरण, मिट्टी परीक्षण के साथ विभिन्न प्रकार की जानकारी एक ही जगह उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज मंत्रालय में सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक मनोज गुप्ता ने 4 करोड़ 27 लाख के लाभांश का चेक भेंट किया।
बैठक में सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान, सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारी और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा 5 ऑइल मिल की स्वीकृति दी गई है। प्रदेश में 235 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय नवाचार प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। एक जिला-एक उत्पाद अंतर्गत नवीन सहकारी समितियों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला सहकारी बैंको को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए योजना तैयार करें।
मध्यप्रदेश राज्य सहकारी आवास संघ के कार्यों और मध्यप्रदेश राज्य विपणन संघ की विभन्न लेनदारियों के संबंध में बैठक में चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि अपेक्स बैंक में राज्य शासन द्वारा 142 करोड़ रुपए की अंशपूंजी निवेशित की है। बैंक में आधुनिक बैंकिंग सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। प्रदेश की 38 जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित कोर बैंकिग सोल्यूशन प्रणाली पर कार्यरत हैं। अपेक्स बैंक को 131.83 करोड़ का संचित लाभ हुआ है। अपेक्स बैंक द्वारा राज्य शासन को विगत 4 वर्ष में 12 करोड़ 10 लाख रुपए राशि का लाभांश दिया है। मध्यप्रदेश राज्य सहकारी संघ के द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम अच्छे ढंग से कराए जा रहे हैं। बुरहानपुर और खरगोन में शक्कर कारखाने कार्य कर रहे हैं।
नर्मदा नियंत्रण मंडल की समीक्षा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि सिंचाई परियोजनाओं का लाभ अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों को समय पर और सही ढंग से पहुंचे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज मंत्रालय में नर्मदा नियंत्रण मंडल की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजौरा सहित वरिष्ठ अधिकारी और सदस्यगण उपस्थित थे।
बैठक में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के संबंध में चर्चा हुई। परियोजनाओं की निविदा एवं स्वीकृति की जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों को सिंचाई परियोजनाओं से अधिक लाभ मिलेगा।