एमपी के पूर्व वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि कांग्रेस की सरकार बनते ही चिकित्सा शिक्षा विभाग के स्वशासी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2016 से दिया जाएगा।
मध्य प्रदेश चिकित्सा शिक्षा कर्मचारी संघ संयोजक वीरेंद्र तिवारी जारी विज्ञप्ति में बताया कि आज गुरुवार को स्वशासी संवर्ग के कर्मचारियों ने पूर्व वित्त मंत्री एवं विधायक तरुण भनोट को दो सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में की प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में कर्मचारियों को सातवें वेतनमान दिए जाने के आदेश प्रसारित किए गए थे, जिसमें की चिकित्सा शिक्षा विभाग में पदस्थ स्वशासी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ 1 अप्रैल 2018 से दिया गया, जबकि 1 जनवरी 2016 से इस वेतनमान को काल्पनिक कहकर लागू किया गया।
इस कारण चिकित्सा शिक्षा विभाग के स्वशासी संवर्ग में लैब टेक्नीशियन, नर्सिंग, लिपिक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सहित अन्य वर्गों के कर्मचारियों को 27 महीने तक आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा।
संघ द्वारा निरंतर अपने 27 माह के एरियर की मांग की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा चिकित्सकों को 1 जनवरी 2016 से सातवें वेतनमान दिए जाने की घोषणा की गई है। संघ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि चिकित्सकों की भांति ही मेडिकल कॉलेज के स्वशासी संवर्ग के कर्मचारियों को भी 1 जनवरी 2016 से सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए और 27 महीने का एरियर प्रदान किया जाए।
इसके साथ ही समयमान वेतनमान को लेकर हो रहे भेदभाव पर पूर्व मंत्री को बताया गया। पूर्व वित्त मंत्री और विधायक तरुण भनोट ने दोनों ही मांगों को लेकर स्पष्ट कहा है कि कांग्रेस सरकार बनते ही जहां मांग पूरी की जाएगी, वहीं कांग्रेस के मेनिफेस्टो में भी इस मांग को रखा जाएगा।
इस दौरान वीरेंद्र तिवारी, अजय कुमार दुबे, राजू मस्के, प्रशांत श्रीवास्तव, विपिन पीपरे, रविंद्र राय, रमेश उपाध्याय, अमित विश्वकर्मा, संजय यादव, अमित, कमल मुद्गल, आलोक, राजेंद्र भट्टी, अनिल समुद्रे आदि उपस्थित रहे।