विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया की शुद्धता को बनाये रखने प्रत्येक संदेहास्पद लेन-देन पर बैंकर्स को नजर रखनी होगी तथा इसकी रिपोर्ट जिला निर्वाचन कार्यालय को देनी होगी।
यह जानकारी निर्वाचन व्यय नोडल अधिकारी एवं अपर कलेक्टर शेर सिंह मीणा की अध्यक्षता में हुई बैंकर्स और निर्वाचन व्यय मॉनिटरिंग सेल के अधिकारियों की बैठक में दी गई। बैठक में सयुंक्त संचालक कोष एवं लेखा रोहित कौशल, लीड बैंक अधिकारी विवेक कुमार, संभागीय पेंशन अधिकारी अजय सामदेकर, जिला सूचना अधिकारी आशीष शुक्ला तथा सभी बैंकों के नोडल अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में बताया गया कि बैंकों को ऐसे बैंक खातों की जानकारी भी निर्वाचन कार्यालय को देनी होगी जिनमें पिछले दो माह में जमा या निकासी के उदाहरण के बिना निवाचन के दौरान एक लाख रुपये से अधिक की आसामान्य या संदेहजनक राशि की निकासी की गई हो या जमा की गई हो। बैंकर्स को ऐसे बैंक खातों की जानकारी भी निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध करानी होगी, जिनमें जिले अथवा निर्वाचन क्षेत्र में आरटीजीएस या नेफ्ट के माध्यम से विभिन्न व्यक्तियों के खाते में राशि का आसामान्य रूप से अंतरण किया गया हो।
बैठक में बैंकर्स से कहा गया कि चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी या उनकी पत्नी या उनके आश्रितों (शपथ पत्र में उल्लेखित) के बैंक खाते में एक लाख रुपये से अधिक की नकद राशि की निकासी या जमा होने की सूचना भी उन्हें जिला निर्वाचन कार्यालय को देनी होगी। बैंकों को जिला निर्वाचन कार्यालय को निर्वाचन की प्रक्रिया के दौरान राजनैतिक दलों के खाते से एक लाख रुपये से अधिक के लेन-देन की सूचना भी देनी होगी।
इसी प्रकार अन्य कोई भी ऐसे संदेहास्पद नकद के लेन-देन पर भी नजर रखनी होगी जिसका उपयोग मतदाताओं को रिश्वत देने या प्रलोभन देने के लिये किया जाने वाला हो। बैंकों से प्राप्त इस तरह की सूचना पर जहां भी संदेह होगा की नकद राशि का उपयोग मतदाताओं को रिश्वत देने के लिये किया जा सकता है, जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा जाँच के बाद फ्लाईंग स्क्वाड को आवश्यक कार्यवाही के लिये कहा जायेगा। ऐसी जमा की जाने वाली या अथवा निकासी की नकद धन राशि 10 लाख रुपये से हो तो ऐसी सूचना को आयकर विभाग को आयकर एक्ट के तहत आवश्यक कार्यवाही के लिये भी भेजा जायेगा।
बैठक में बताया गया कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को निर्वाचन व्यय का लेखा जोखा रखने अलग से बैंक खाता खोलना अनिवार्य होगा। यह बैंक खाता नामांकन भरने से एक दिन पूर्व तक खोला जा सकेगा। उम्मीदवार को इस खाते की जानकारी नाम निर्देशन पत्र जमा करते समय रिटर्निंग ऑफीसर को देनी होगी। निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशानुसार अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय की मॉनीटरिंग इसी खाते से की जायेगी। बैंक अधिकारियों को विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के खाता खोलने और एकाउन्ट स्टेटमेंट तथा चेकबुक की सुविधा देना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये।
बैठक में बताया गया कि अभ्यर्थियों के बैंक खाते से लेन-देन और समुचित संचालन के लिये निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार बैंकों की नकदी का परिवहन करते समय आउटसोर्सिंग एजेंसी अथवा बैंक अधिकारी को पहचान पत्र के साथ ही नगदी के परिवहन से संबंधित दस्तावेज, अथारिटी लेटर, वाहन क्रमांक इत्यादि की जानकारी रखनी चाहिये।