भोपाल (हि.स.)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे सोमवार को 81वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 15 अधिकारियों की टीम 34 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
ज्ञानव्यापी की तर्ज पर जारी एएसआई सर्वे के 81वें दिन भोजशाला के गर्भगृह में सात नए स्थानों पर सर्वे शुरू हुआ। इसमें लगभग दो फीट की एक खंडित प्रतिमा सहित सात नए अति प्राचीन अवशेष मिले हैं। इन 7 अवशेषों में शिलालेखों के अवशेष भी मौजूद है। हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि खंडित प्रतिमा भगवान ब्रह्मा की है, जो अपने पूरे परिवार के साथ विराजित हैं। एक अन्य पुरावशेष पर कमल के फूल पर कछुआ विराजमान है, जो लक्ष्मी का प्रतीक चिह्न माना जाता है। सर्वे के दौरान सोमवार को यज्ञ कुंड के परिक्रमा के स्थान पर मिट्टी हटाई गई। भोजशाला के द्वार के दोनों ओर ओटलों की सफाई भी की गई है, वहीं उत्तर-दक्षिण और पश्चिम की सारी ट्रेंच का भराव कर बंद किया गया है।
इससे पहले रविवार को एएसआई की टीम को सर्वे के दौरान 79 पुरावशेष मिले थे, सोमवार को उनकी सफाई भी की गई। सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा और आशीष गोयल ने बताया कि रविवार को मिले 79 अवशेषों में भगवान गणेश, महिषासुर मर्दिनी, मां पार्वती, भगवान हनुमान और भैरवनाथ की मूर्तियां भी शामिल हैं। भोजशाला के भीतर कमरे में खोदाई से यह मूर्तियां बरामद हुई हैं। इस कमरे से भगवान गणेश और मां वाग्देवी की मूर्ति खंडित हैं।
उन्होंने बताया कि सोमवार को एएसआई की ओर से भोजशाला में सर्वे किया गया। इस दौरान अंदर उत्तरी भाग में सात और पुरावशेष मिले। अब इनकी भी सफाई की जाएगी। सुबह से लेकर शाम तक गर्भगृह में कई नए स्थान पर सर्वे किया गया। यज्ञ कुंड परिसर के परिक्रमा वाले क्षेत्र और पूर्वी भाग यानी प्रवेश द्वार के नजदीक भी खुदाई की गई।
मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद खान ने बताया कि आज उत्तर और पश्चिम की सारी ट्रेंच का लेबलिंग का काम पूरा किया गया है। मॉन्युमेंट के अंदर वजुखाना और पानी के हौज के कुछ स्पॉट, इश्यू थे, उसको मार्क करने काम किया गया, खुदाई भी की गई, जिसे टीम द्वारा एड किया गया है। उन्होंने कहा कि कल कुछ चीजें मिली थी, आज उनकी नंबरिंग करके फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी की गई। मॉन्युमेंट के मैन गेट के पास दो ओटले बने थे, उन्हें भी बारीक जांच की गई। उन्होंने भोजशाला परिसर में मिले हिन्दू देवी-देवताओं के अवशेषों पर आपत्ति लेते हुए कहा कि ये साल 2003 के बाद रखी गई है। हमारी शुरू से ही मांग है कि साल 2003 के बाद कि चीजों को सर्वे में शामिल नहीं किया जाए।
गौरतलब है कि भोजशाला में एएसआई का सर्वे 22 मार्च से शुरू किया गया था। सोमवार को सर्वे के 81 दिन पूरे हो गए हैं। इस दौरान अब तक 1607 अवशेष मिल चुके हैं। इसमें प्रमुख रूप से स्तंभ के पत्थर मिल रहे हैं। रविवार व सोमवार को दोनों दिन के सर्वे में 86 अवशेष मिले। एएसआई को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर 04 जुलाई तक हर हाल में अपनी सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। इसके लिए प्रतिदिन होने वाले सर्वे के आधार पर विशेषज्ञ टीम दस्तावेजों को तैयार कर रही है। इसमें वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के साथ ड्राइंग के आधार पर अवशेषों के बारे में विवरण तैयार किया जा रहा है। सर्वे की समय सीमा 27 जून तक है। सर्वे समाप्त होने के एक सप्ताह के भीतर चार जुलाई तक रिपोर्ट प्रस्तुत करना होगी, इसलिए अब एएसआई की ओर से रिपोर्ट तैयार करने पर फोकस किया जा रहा है।