मध्यप्रदेश की बिजली कंपनियों में मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के प्रशिक्षणार्थियों के प्रशिक्षण के कुछ दिन ही शेष बचे हैं। प्रशिक्षण समाप्त होने पर हजारों युवा फिर से बेरोजगार हो जायेंगे, ऐसे में प्रशिक्षणार्थियों को बिजली कंपनियों में नियमित पदों पर नियुक्ति प्रदान कर कंपनियों में मैनपावर की कमी को पूरा किया जा सकता है। वहीं इन युवाओं का भविष्य सुरक्षित कर उन्हें चिंता से मुक्त किया जा सकता है।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 23 अगस्त 2023 को मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना का आरंभ किया गया था, जिसके तहत प्रदेश की बिजली कंपनियों में भी हजारों युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीखो कमाओ योजना के तहत बिजली कंपनियों के विभिन्न विभागों में प्रशिक्षण ले रहे ये युवा अपने-अपने कार्य में पूरी तरह दक्ष हो चुके हैं, ऐसी स्थिति में सरकार और ऊर्जा विभाग को इस कुशल मैनपावर को कंपनी में नियमित पदों पर नियुक्त करना चाहिए।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि वैसे भी बिजली कंपनियों में मैनपावर की खासी कमी हैं, ऐसे में कुशल युवाओं की नियमित पदों पर भर्ती करने से कुछ हद तक मैनपावर की कमी भी पूरी होगी और बिजली कंपनियों की कार्यप्रणाली से पूरी तरह परिचित हो चुके युवाओं की नियुक्ति कंपनी के लिए त्वरित रूप से लाभकारी ही होगी, क्योंकि नियुक्ति के बाद इन्हें फिर से प्रशिक्षण नहीं देना होगा।
संघ के मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, लाखन सिंह राजपूत, शशि उपाध्याय, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, जगदीश मेहरा, अमीन अंसारी, महेश पटेल, पवन यादव, संदीप यादव, राहुल दुबे ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से मांग की है कि मध्य प्रदेश शासन की सीखो-कमाओ योजना के तहत बिजली कंपनियों में प्रशिक्षण ले रहे युवाओं को यथाशीघ्र नियमित पदों पर नियुक्त किया जाए।