भोपाल (हि.स.)। मध्यप्रदेश में नर्सिंग घोटाले के मामले में दिल्ली सीबीआई की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। मध्यप्रदेश के 70 नर्सिंग कॉलेज उनकी रडार पर है। सीबीआई को भ्रष्टाचार के कई इनपुट मिले है। रविवार को राजधानी भोपाल में सीबीआई के एक इंस्पेक्टर को 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। खास बात यह है कि रिश्वत लेते पकड़ाए इंस्पेक्टर राहुल राज पर मध्यप्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच की जिम्मेदारी है। वहीं सीबीआई ने इंदौर और रतलाम में भी कार्रवाई की। जहां से 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन्हें जल्द कोर्ट में पेश किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार रविवार को दिल्ली सीबीआई की एक टीम ने भोपाल में आरोपित इंस्पेक्टर के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित घर पर छापा मारा और उन्हें रिश्वत लेते पकड़ा। सीबीआई निरीक्षक राहुल राज के घर से तलाशी में 7 लाख 88 हजार रुपए नकद और 100-100 ग्राम के सोने के बिस्किट भी मिले हैं। सीबीआई निरीक्षक राहुल राज को रिश्वत देने वाले भोपाल के मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग के चेयरमैन अनिल भास्करन, प्रिंसिपल सूना अनिल भास्करन और एक मीडिएटर सचिन जैन को भी गिरफ्तार किया है। राहुल राज सही सुइटबिलिटी रिपोर्ट देने के नाम पर रिश्वत ले रहे थे।
आरोपितों को 29 मई तक रिमांड पर भेजा
गिरफ्तारी के बाद चारों आरोपियों को भोपाल में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार शर्मा की कोर्ट में पेश किया गया। जहां कोर्ट ने सभी आरोपियों को 29 मई तक पीआर पर भेज दिया है। सीबीआई ने भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7, 7A, 8, 9, 10 और 12 के तहत मामला दर्ज किया है। बता दें कि रतलाम में 2 दिन से सीबीआई ने डेरा डाल रखा था। पुलिस को भी नहीं मालूम कि टीम कहां जांच कर रही थी। स्थानीय पुलिस फोर्स को साथ तो लिया था, लेकिन उन्हें भी कार्रवाई से दूर रखा गया। सीबीआई रविवार को रतलाम से एक महिला को गिरफ्तार कर अपने साथ लेकर गई है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई का एक जांच दल नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच कर रहा है। सीबीआई के जांच दल में एमपी नर्सिंग काउंसिल के अधिकारी, सीबीआई के अफसर और पटवारी शामिल हैं।
एनएसयूआई का दावा, उनकी शिकायत पर कार्रवाई
इस मामले में एनएसयूआई ने बड़ा दावा किया है। एनएसयूआई का कहना है कि उनकी शिकायत के बाद सीबीआई के इंस्पेक्टर राहुल राज की रिश्वत लेते गिरफ्तारी हुई है। बताया गया कि एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने 15 अप्रैल को सीबीआई कार्यालय पहुंचकर शिकायत की थी। जिसके बाद सीबीआई ने कुछ विभागीय लोगों को भी जांच के रडार पर लिया है। एनएसयूआई नेता रवि परमार का कहना है कि वे जल्द ही अन्य भ्रष्टाचारी निरीक्षकों और नर्सिंग फर्जीवाड़े में शामिल नर्सिंग कॉलेज संचालकों और दलालों की जानकारी सीबीआई को देंगे।
364 कॉलेजों की जा रही जांच
नर्सिंग कॉलेजों में अनियमितताओं की शिकायत के बाद यह मामला मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय तक पहुंचा था। इसके बाद हाई कोर्ट की जबलपुर बैंच द्वारा 364 नर्सिंग कालेजों की व्यापक जांच करने का निर्देश केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) को दिया था। उच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर अक्टूबर 2022 में सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की थी। सीबीआई भोपाल की टीम प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जाकर नर्सिंग कालेजों की जांच कर रही थी। सीबीआई की टीमें अलग-अलग नर्सिंग कॉलेजों की जांच करने पहुंची थी। जहां कॉलेज में हो रहे एडमिशन से लेकर यहां की फैकल्टी और छात्रों को दी जा रही सुविधा के अलावा कॉलेज से जुड़े सभी दस्तावेजों की जांच की रही थी।
शिक्षा और रोजगार से जुड़े मामलों में व्यापमं घोटाले के बाद राज्य का यह दूसरा बड़ा घोटाला है, जिसकी जांच सीबीआई के द्वारा की जा रही है और ऐसे में सीबीआई के अधिकारियों द्वारा ही इस मामले में रिश्वत लेने के आरोपों के बीच, इस पूरी जांच प्रक्रिया पर ही सवालिया निशान खड़े हो गए हैं।