मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि कोविड-19 कोरोना वायरस की आड़ में प्रदेश के लगभग 10 लाख कर्मचारियों की जुलाई 2020 से मिलने वाले वेतनवृद्धि स्थगित कर दी गई थी तथा जनवरी 2019 से 5 प्रतिशत बढ़े हुए मंहगाई भत्ते एवं एरिसर्य के भुगतान पर रोक लगा दी गई थी।
इसी बीच केन्द्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को 11 प्रतिशत मंहगाई भत्ता, एरियर्स सहित भुगतान करने के आदेश कर दिये गये हैं। इस तरह राज्य के कर्मचारी केंद्र के कर्मचारियों से मंहगाई भत्ते में 16 प्रतिशत पीछे हो गये हैं। राज्य के कर्मचारियों द्वारा अपनी विभिन्न मांगों के लिए क्रमिक आन्दोलन करने की रूपरेखा तैयार की गई है, जिसको दबाने हेतु राज्य शासन द्वारा कर्मचारियों को देय वेतन वृद्धि पर लगी रोक हटाकर झुनझुना पकड़ा दिया गया है, किन्तु बढ़े हुए वेतन वृद्धि के एरियर्स के भुगतान का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
जबकि कर्मचारी शासन से यह अपेक्षा कर रहे थे कि उन्हें वृद्धि, एरिसर्य सहित लाभ के साथ-साथ केन्द्र के समान डीए भी दिया जावेगा। वर्तमान परिवेश में शासन की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है, इसके साथ ही राजस्व वसूली में इजाफा हुआ है। जिससे शासन का नैतिक दायित्व बनता है कि वह अपने कर्मचारी की आर्थिक समस्याओं का निराकरण करे।
संघ के संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, नरेन्द्र दुबे, अटल उपाध्याय, मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डे, आशुतोष तिवारी, मुन्नालाल पटैल, सुरेन्द्र जैन, डॉ संदीप नेमा, वीरेन्द्र तिवारी, धनश्याम पटैल, बृजेश गोस्वामी, तरूण पंचौली, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, विनय नामदेव, मो. तारिक, संतोष तिवारी, दीपक सोनी, गणेश उपाध्याय, नितिन शर्मा, श्यामनारायण तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, निलय तिवारी आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से ई-मेल भेजकर मांग की है कि जुलाई 2020 से वेतन वृद्धि एरियर्स एवं केन्द्र के समान घोषित तिथियों से डीए एरियर्स राशि सहित भुगतान किये जाने के आदेश जारी किये जावें।