मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रदेशव्यापी अंकुर वृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि प्रदेश में अब बिल्डिंग परमिशन इसी शर्त पर दी जाएगी कि मकान बनाने वाला व्यक्ति एक पेड़ अवश्य लगाएगा।
उन्होंने कहा कि नगर निगम हो, नगर पालिका, नगर पंचायत अर्थात जिस भी स्तर का नगरीय निकाय हो बिल्डिंग परमिशन के लिए पौधा लगाने की शर्त अनिवार्य होगी। घर पर जगह न होने की स्थिति में पार्क या सार्वजनिक स्थल पर पौधा लगाना और उसकी सुरक्षा करना आवश्यक होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रकृति का दोहन करना है शोषण नहीं है। दोनों में बहुत अंतर है, प्रकृति से इतना ही लेना है कि जितना वो फिर से भरपाई कर ले। बचपन से हमे सिखाया गया है कि हम प्रकृति का सम्मान करें। हमें पर्यावरण संतुलित करना है तो पेड़ लगाने होंगे, नदियों को बचाना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि आज World Environment Day है। भौतिक प्रगति के लिये जिस तरह से प्रकृति के साथ खिलवाड़ हुआ है, यही स्थिति रही तो पृथ्वी का तापमान 2 डिग्री तक बढ़ेगा जो अनेकों आपदाओं को जन्म देगा। हम क्या इतने स्वार्थी हो गए हैं कि आने वाली पीढ़ी के लिये ऐसे धरती छोड़ेंगे। यह धरती केवल मनुष्य के लिये नहीं बनाई है। यह सब जीव-जंतुओं के लिये है, अनेकों समस्याएं केवल पर्यावरण के असंतुलन से पैदा हुई हैं। पेड़ कटे-जंगल कटे, जिसका दुष्परिणाम आज सबके सामने है।
मैंने रोज एक पेड़ लगाने का निश्चय किया। पौधा लगाते समय मैं महसूस करता हूँ कि मैं जीवन रोप रहा हूँ। पेड़ स्थाई ऑक्सीजन के प्लांट हैं। एक वृक्ष लाखों जीव जंतुओं को जीवन देता है। पेड़ हमें शांति का अनुभव देते हैं, हमें आने वाली पीढ़ी के लिये पेड़ लगाने होंगे।