मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित होंगे, जिसके नोडल अधिकारी जिले के कलेक्टर रहेंगे। इससे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय में संपन्न उच्च स्तरीय बैठक में ग्वालियर में आगामी 28 अगस्त को होने वाली रीजनल बिजनेस कॉन्क्लेव की तैयारियों की जानकारी प्राप्त की और आवश्यक निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक के साथ ही वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से विभिन्न क्षेत्र में निवेश के लिए कांक्लेव के सत्रों के आयोजन के बारे में चर्चा की। कॉन्क्लेव में लगभग 2500 प्रतिनिधि शामिल होंगे। नीदरलैंड, घाना, कनाडा, मेक्सिको सहित अन्य देशों के प्रतिभागी भी आएंगे। कॉन्क्लेव के दौरान औद्योगिक इकाइयों के लिए भूमि आवंटन का कार्य भी होगा। बैठक में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पर्यटन, खाद्य प्र-संस्करण और आईटी के क्षेत्र में संभावनाओं के पूर्ण दोहन के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कॉन्क्लेव में निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए भरपूर प्रयास किए जाएं। स्थानीय एवं बाहरी निवेशक दोनों का स्वागत करें। स्थानीय उद्योगपतियों की भी समस्याओं को जानकर उन्हें आवश्यक सहयोग करें। सभी कलेक्टर्स अपने जिलों में उपलब्ध ऐसी भूमि की जानकारी रखें जहां उद्योगों की स्थापना हो सकती है। प्रत्येक जिले में कलेक्टर उद्योगपतियों से निरंतर संवाद बनाएँ रखें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रत्येक जिले में लघु और कुटीर उद्योगों के सहायता समूह की गतिविधियों के कार्यों को बढ़ाया जाए। हैंडलूम और उद्यानिकी में भी कार्य हो। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कलेक्टर्स प्रभारी मंत्रियों से भी चर्चा करें और नियमित संवाद रखें। ग्वालियर और चंबल संभाग में उद्योगों की स्थापना का अच्छा वातावरण बनाया जाए। सभी निवेश प्रस्तावों पर मंथन कर समन्वय से उन्हें क्रियान्वित करने पर फोकस किया जाए। बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग राघवेंद्र कुमार सिंह ने प्रेजेंटेशन दिया।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, नवीन एवं नवकरणीय मंत्री राकेश शुक्ला शामिल हुए।