झोलाछाप चिकित्सकों एवं गैर मान्यताधारी व्यक्तियों द्वारा किये जा रहे अनैतिक चिकित्सकीय व्यवसाय को नियंत्रित करने के लिए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जिले में संचालित अमानक क्लीनिक एवं चिकित्सकीय स्थापनाओं को प्रतिबंधित करने की कार्यवाही के निर्देश अनुभागीय दंडाधिकारियों, विकासखंड चिकित्सा अधिकारियों, सिविल अस्पतालों के प्रभारी अधिकारियों एवं शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारियों को दिए है।
इस बारे में जारी आदेश में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा है कि अपात्र व्यक्तियों द्वारा फर्जी चिकित्सकीय डिग्री अथवा सर्टिफिकेट का प्रयोग कर झोलाछाप चिकित्सकों के रूप में अमानक चिकित्सकीय पद्धतियों का उपयोग कर रोगियों का उपचार किया जा रहा है।
उन्होंने आदेश में अनुभागीय दंडाधिकारियों, विकासखंड चिकित्सा अधिकारियों, प्रभारी अधिकारी सिविल अस्पताल रांझी, मनमोहन नगर एवं सिहोरा तथा शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारियों को निर्देश दिए है कि अपात्र व्यक्तियों अथवा झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा किये जा रहे अनैतिक चिकित्सकीय व्यवसाय को नियंत्रित करने हेतु अमानक क्लीनिक व चिकित्सकीय स्थापनाओं को तत्काल प्रतिबंधित किया जाये।
दीपक सक्सेना ने कहा है कि बिना उचित पंजीयन के अमानक चिकित्सकीय संस्थाओं का संचालन मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 की धारा 3 का उल्लंघन है एवं ऐसा करना दण्डनीय अपराध है। इसके लिए 3 वर्ष का कारावास एवं 50 हजार रूपये के जुर्माने से दंडित भी किया जा सकता है। उन्होंने बिना वैधानिक डिग्री प्राप्त किये अपने नाम के आगे डॉक्टर की उपाधि का इस्तेमाल करने वाले चिकित्सकीय व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध भी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने झोलाछाप एवं अपात्र व्यक्तियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी निर्धारित प्रपत्र में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय के नोडल अधिकारी नर्सिंग होम डॉ. आदर्श विश्नोई को उपलब्ध कराने के निर्देश भी अनुभागीय दंडाधिकारियों, विकासखंड चिकित्सा अधिकारियों, प्रभारी अधिकारी सिविल अस्पताल रांझी, मनमोहन नगर एवं सिहोरा तथा शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारियों को दिए हैं।