मध्यप्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में मैदानी बिजली अधिकारियों की प्रताड़ना के विरुद्ध आक्रोश जताते हुए जबलपुर ग्रामीण सर्किल के अधीक्षण अभियंता नीरज कुचिया को 24 बिंदुओं का पत्र सौंपा गया।
ज्ञापन के मुख्य बिंदु हैं- अधिकारी 33*11 केवी सब-स्टेशनों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मी, ऑपरेटर से 30 दिन लगातार कार्य कराते हैं और 26 दिन का वेतन ठेकेदार से दिलवाते हैं। अवकाश के दिन बुलाते हैं, जिसका लिखित आदेश नहीं निकलते हैं न ही नियमानुसार दोगुनी दर से वेतन देते हैं। संविदा कर्मचारियों को जोखिम भत्ता नहीं दिया जाता है। पिछले दो वर्षों से नियमित कर्मचारियों को एक्स्ट्रावेजेस एवं नाइट अलाउंस नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा सुरक्षा उपकरण का अभाव कर्मचारियों के पास हमेशा बना रहता है।
संघ की केएन लोखंडे, दद्दन तिवारी, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, इंद्रपाल सिंह, अरुण मालवीय, आजाद सकवार, जगदीश मेहरा, लखन सिंह राजपूत, किशोर बरखेड़ी आदि ने अधीक्षण अभियंता ग्रामीण नीरज कुचिया को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की, है कि आउटसोर्स संविदा एवं नियमित कर्मचारियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित न किया जावे। उनके हक और अधिकारों का हनन एवं श्रम नियमों का उल्लंघन न किया जाए, अन्यथा उनका ज्ञापन आंदोलन उग्र रूप धारण कर लेगा।