लोक सेवकों को कार्यालयीन कार्य में अक्षम बताते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई, जिस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह एवं जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने जिला शिक्षा अधिकारी कटनी द्वारा विधानसभा निर्वाचन 2023 के कार्य में अनुपस्थित कर्मचारियों को मेडिकल बोर्ड द्वारा कार्यालयीन कार्य में अक्षम बताने को हास्यास्प्रद बताया, साथ ही इसे आधार बनाकर शिक्षा विभाग द्वारा कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने की कार्यवाही को तानाशाहीपूर्ण बताया है।
कटनी के जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा नंदू लाल चौधरी, नागेंद्र कुमार मिश्रा, विशाली राम कोल, नारायण सिंह मरावी, भाग सिंह गोंड, एएस चौहान, दुर्गा प्रसाद बर्मन आदि सातों कर्मचारियों को कार्यालयीन कार्य के लिए अक्षम बताया है। जबकि यह सभी कर्मचारी कार्यालय में कार्यरत नहीं है, यह स्कूलों में पदस्थ हैं। दो उच्च श्रेणी, दो माध्यमिक, एक सहायक शिक्षक, एक प्राथमिक, एक भृत्य को सेवा से निकालने की कार्यवाही की निंदा की जा रही है।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस जिलाध्यक्ष विश्वदीप पटेरिया, मध्य प्रदेश कर्मचारी कांग्रेस के जिला अध्यक्ष संतोष मिश्रा, मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष नरेश शुक्ला, मध्य प्रदेश अजाक्स के जिला अध्यक्ष योगेश चौधरी, वाहन चालक यांत्रिकी संघ के जिलाध्यक्ष धीरेंद्र सिंह, नगर निगम तकनीकी कर्मचारी संघ अध्यक्ष कपिल दुबे, मध्य प्रदेश आईटीआई तक. कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रशांत सोंधिया, लघु वेतन कर्मचारी संघ के रविकांत दहायत, मध्य प्रदेश लिपिक वर्ग कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष यूएस करोसिया, मध्य प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन के जोनल अध्यक्ष देव दोनेरिया, मध्य प्रदेश कृषि विभाग के गोविंद विल्थरे, मध्य प्रदेश पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष जोगेंद्र पीपरी, समयपाल संघ के अर्जुन सोमवंसी, सिहोरा तहसील अध्यक्ष योगेन्द्र मिश्रा, बरेला विभागीय समिति अध्यक्ष सतीष उपाध्याय, विनय नामदेव, मनीष बाजपाई, ब्रजेश मिश्रा, नरेंद्र सैन, आलोक बाजपाई ने कार्यवाही को रोकने की मांग की है।