मध्य प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में आधुनिकीकरण के नाम पर स्वीकृत महत्वपूर्ण पदों को डाईंग कैडर में डालने संबंधित प्रयास किए जा रहे हैं। शासकीय संस्थाओं में बढ़ते निजीकरण से आने वाली पीढ़ियों को सरकारी नौकरियां नहीं मिल पाएंगी।
मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ जिला शाखा सचिव सहदेव रजक ने जारी विज्ञप्ति में बताया है चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में डाईंग कैडर के लिए 113 पदों को चिन्हित किया जाना चिंताजनक है। जिन पदों को चिन्हित किया गया है उनमें से कई ऐसे पद हैं जिनकी संस्था में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।
संघ ने बताया कि चपरासी, लिफ्टमैन, कुक, इलेक्ट्रीशियन, हेल्पर, प्लंबर, आया, बाई, सफाई कर्मी, टेलीफोन अटेंडेंट, माली, धोबी, वार्ड बॉय, ड्राइवर फर्राश, सेनेटरी हवलदार, पंप ऑपरेटर, स्ट्रेचर वेयर, नाई, वाटर मैन, किचन सर्वेट जैसे अनेकों महत्वपूर्ण पद सरकार द्वारा डाईंग कैडर में डालकर शासकीय पदों को समाप्त किए जाने की एक सोची समझी साजिश की जा रही है।
मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ जिला शाखा द्वारा आज शुक्रवार को डीन मेडिकल कॉलेज जबलपुर को अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं आयुक्त चिकित्सा शिक्षा के नाम ज्ञापन सौंपा गया। संघ ने चेतावनी दी हैं कि आदेश को निरस्त नहीं किया गया तो संघ ने तय किया है कि चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा।
इस अवसर पर संभागीय संरक्षक राम कुमार मेहरा, विपिन पीपरे, राजेंद्र चतुर्वेदी, महेंद्र साहू, विजय यादव, प्रमोद कुमार, अशोक कोटोवार, मूलचंद पटेल, गणेश राय, वैद्यनाथ अय्यर, राकेश बडोली, माग्रेट जोसेफ, संजय चक्रवर्ती, दयाशंकर पटेल, सुरेश बाल्मीकि, संतोष सोनी, अंजली कनौजिया, राजकुमार केवट, प्रेम नारायण ठाकुर, लक्ष्मी मलिक, बसंत कुलसते, शशिकांत दुबे, सुदामा प्रसाद, तातिलाल झारिया, कमल मुगदल, रविंद्र राय, समर सिंह ठाकुर, जगदीश केवट, देवेंद्र अहिरवार, विकास डहेरिया, मयंक श्रीवास्तव, बालगोविंद माली, दुर्गा अठनेरे, दुर्गाबाई, सरोज भाई ठाकुर, सुनीता बाई, रागिनी, रानी, दीपिका, संचिता, नेहा दुबे, तनुजा पाठक, आरती कदम, दीपमाला आदि उपस्थित रहे।