मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ प्रदेश महामंत्री अजय कुमार दुबे जारी विज्ञप्ति में बताया है चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत सभी मेडिकल कॉलेजों में आधुनिकीकरण के नाम पर स्वीकृत महत्वपूर्ण पदों को डाईंग कैडर में डालने संबंधित प्रयास किए जा रहे हैं। शासकीय संस्था में 113 पदों को चिन्हित किया जाना चिंताजनक है जिस तरह से शासकीय व्यवस्था में बढ़ते निजीकरण से आने वाली पीढ़ियों में सरकारी नौकरियों का पतन होने की संभावना निरंतर बनी हुई है।
डाईंग कैडर के लिए जिन पदों को चिन्हित किया गया है उनमें से कई ऐसे पद हैं जिनकी संस्था में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। विभाग में चपरासी, लिफ्टमैन, कुक, इलेक्ट्रीशियन हेल्पर, प्लंबर, आया बाई, सफाई कर्मी, टेलीफोन अटेंडेंट, माली, धोबी, वार्ड बॉय, ड्राइवर फर्राश, सेनेटरी हवलदार, पंप ऑपरेटर, स्ट्रेचर वेयर, नाई, वाटर मैन, किचन सर्वेंट आदि अनेक महत्वपूर्ण पद सरकार द्वारा डाईंग कैडर में डालकर शासकीय पदों को समाप्त किए जाने की एक सोची समझी साजिश की जा रही है।
जिसके विरोध में गुरुवार को मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ संभागीय शाखा द्वारा संभागायुक्त को मुख्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा के नाम ज्ञापन सौंपा गया, साथ ही संघ ने चेतावनी दी है कि आदेश को निरस्त नहीं किया गया तो संघ इसका पुरजोर विरोध करेगा और आगामी दिनों में जल्दी इसको लेकर आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
इस अवसर पर मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष रविकांत दहायत, राम कुमार मेहरा, विपिन पीपरे, सहदेव रजक, संजय रजक, राजेंद्र चतुर्वेदी, महेंद्र साहू, विजय यादव, प्रमोद कुमार, अशोक कोटोवार, गणेश राय, वैद्यनाथ अय्यर, विश्वास लाजरस, मुनींद्र मिश्रा, राकेश बडोली, सुरेश कुमार कोल, संजय चक्रवर्ती, दयाशंकर पटेल, सुरेश बाल्मीकि, संतोष सोनी, मार्गरेट जोसेफ, अंजली कनौजिया, विनीता कोरी, कलावती कोल, माया कोरी, राजकुमार केवट, लक्ष्मी मलिक, प्रेम नारायण ठाकुर, बसंत पुलसते, शशिकांत दुबे, सुदामा प्रसाद, कांतिलाल झारिया, कमल मुगदल, अनमोल, संतोष यादव आदि उपस्थित रहे।