अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संरक्षक योगेन्द्र दुबे, जबलपुर जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है की जिला कोषालय अधिकारी वित्त विभाग के आदेश देयक के साथ भेजने की नई आपत्ति लगा रहे है, जबकि शासन के वित्त विभाग के सभी आदेशों की प्रति कोषालय के पास होती है।
मध्यप्रदेश लिपिक वर्ग कर्मचारी संघ के यूएस करोसिया ने नियमों के अनुसार कार्य करने वाले कोषालय अधिकारी द्वारा नियम मांगने की आपत्ति को गलत बताया है। दो बच्चों के पश्चात चिकित्सा प्रति पूर्ती की पात्रता नहीं, 3000 हजार रुपये से अधिक के चिकित्सा देयक के साथ चिकित्सा बोर्ड का प्रमाण पत्र संलग्न करने, ओव्हर राइटिंग होने, अधिकारी की पद मुद्रा साफ दिखाई ना देने के नाम पर आपत्ति समझ आती थी, लेकिन देयक के साथ वित्त विभाग के आदेश स्कैन करने की नई आपत्ति से आहरण अधिकारी देयक ही नहीं लगा रहे है। जिससे रिटायर हो रहे कर्मी या मृत कर्मी के उपदान के देयक ही नहीं लगाए जा रहे है।
कार्यभारित स्थापना, स्थाई दल के कुशल, अर्धकुशल, अकुशल कर्मियों को उपदान 10 लाख रुपये अधिकतम देने के विभागीय प्रमुखों के आदेश हैए लेकिन जिला कोषालय अधिकारी को वित्त विभाग का आदेश चाहिए। आदेश ना होने से वह अधिकतम तीन लाख पचास हजार रुपये उपदान ही स्वीकृत कर रहे हैं। इससे रिटायर कर्मी या मृत कर्मी के परिजनों को लाखों रुपये कम उपदान की राशि दी जा रही है। संयुक्त मोर्चा ने आरोप लगाया है कि जिला कोषालय अधिकारी 3,50,000 रुपये किस आदेश के तहत भुगतान कर रहे हैं, वह आदेश भी किसी को नहीं दे रहे हंै।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक योगेन्द्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, मध्यप्रदेश लिपिक वर्ग कमज़्चारी संघ के यूएस करोसिया, देव दोनेरिया, नरेश शुक्ला, संतोष मिश्रा, विश्वदीप पटेरिया, योगेन्द्र मिश्रा, प्रशांत सोधिया, संजय गुजराल, रविकांत दहायत, योगेश चौधरी, अजय दुबे, एसके वांदिल, धीरेंद्र सिंह, प्रदीप पटैल, मुकेश मरकाम, मुकेश चतुर्वेदी, आशुतोष तिवारी ने कोषालय अधिकारी द्वारा मनचाही आपत्ति लगाने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने की माँग करते हुए शासन के आदेशों का पालन कर कर्मचारियों को उपदान स्वीकृत करने की माँग की है।