मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति मे बताया कि जबलपुर जिले मे कोविड टीकाकरण का कार्य बहुत तेजी से एएनएम, सीएचओ व एमपीडब्ल्यू से कराया जा रहा है, लेकिन बूथ मे उनकी सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। सुरथा व्यवस्था की ओर अधिकारियो का ध्यान ही नही जा रहा है या जानबूझकर कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा की अनदेखी की जा रही।
उनके पास ना तो पीपीई कीट कि व्यवस्था है, न ही सैनैटाईजर की और ना ही दवाईयाँ पर्याप्त मात्रा में दी जा रही है। इससे स्वास्थ्य कर्मचारियों मे भय का वातावरण बना हुआ है। साथ ही सोशल डिस्टेंस का पालन भी स्वास्थ्य कर्मचारियों को ही करवाना पड़ता है, इसके लिए विभाग द्वारा कोई भी कर्मचारी कि व्यवस्था नहीं की गई है।
क्षेत्रीयजन 45 वर्ष से कम आयु के हितग्राहियों के टीकाकरण हेतु दबाव बनाते हैं, जिसके चलते विवाद कि स्थितियां निर्मित हो रही है। कर्मचारी टीकाकरण करे कि विवाद से निपटे? ऐसी विवाद कि स्थिति से बचने हेतु प्रत्येक टीकाकरण बूथ स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कि जाए ताकि कर्मचारी भय मुक्त होकर अपना टीकाकरण कार्य संपादित कर सके व शासन द्वारा निर्धारित टारगेट को पूरा कर सके।
संघ के योगेन्द दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, नरेन्द्र दुबे, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डेय, आशुतोष तिवारी, परशुराम तिवारी, दिलराज झारिया, ब्रजेश मिश्रा, वीरेंद्र पटेल, रामकृष्ण तिवारी, सुधीर गौतम, अमित गौतम, रितुराज गुप्ता, राजकुमार सिंह, संतोष तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, मो. तारिक, महेश कोरी, श्याम नारायण तिवारी आदि ने कलेक्टर जबलपुर से प्रत्येक बूथ स्तर पर कर्मचारियों को सैनैटाईजर व सभी सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने कि मांग की है।