गुणवत्तायुक्त कपास, तेज लाल मिर्च जैसी फसलों के लिए ख्यात खऱगोन जिले में बिजली सेवाओं में सतत ही बढ़ोत्तरी एवं गुणवत्ता का ध्यान रखा जा रहा है। पिछले करीब दो वर्ष के दौरान जिले में 6 नए ग्रिडों की सौगात दी गई है।
अब जिले में 33/11 केवी के ग्रिडों की संख्या 128 हो गई है। दो वर्ष के दौरान नए ग्रिडों से ही बिजली वितरण क्षमता में 30 एमवीए की बढ़ोत्तरी हुई है। जिले के पांच लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त बिजली प्रदान की जा रही है। मध्यप्रदेश शासन के आदेशानुसार घरेलु, गैर घरेलू, औद्योगिक फीडरों पर 24 घंटे एवं कृषि फीडरों पर 10 घंटे दैनिक बिजली प्रदाय किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के खरगोन अधीक्षण यंत्री एसएस वर्मा ने बताया कि निर्बाध आपूर्ति, नए कार्यों के लिए समय़ पालन एवं गुणवत्ता की सुनिश्चितता, शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है।
उन्होंने बताया कि निमाड़ के सबसे बड़े एवं अपेक्षाकृत ज्यादा खपत वाले खरगोन जिले में डेढ़ हजार से ज्यादा कार्मिक सेवाएं दे रहे हैं, चाहे वह औद्योगिक क्षेत्र हो, व्यापारिक इलाके की बिजली हो या फिर घरेलू, सिंचाई क्षेत्र की बिजली। जिले में सौ से ज्यादा 33/11 केवी के ग्रिडों से पांच लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को बिजली दी जा रही है। इसमें 1.35 लाख से ज्यादा कृषि क्षेत्र के उपभोक्ता शामिल है।
जिले के अम्बा, कमोदवाड़ा, सिवना, गेरूबेड़ी खरगोन, मोहनपुरा, रतनपुरा में नए ग्रिड तैयार किए गए हैं। इन नए ग्रिडों की लागत पंद्रह करोड़ से ज्यादा हैं। पुराने ग्रिड़ों दौड़वा, काकरिया, नंदगांव, कदवाली, भगवानपुरा, नंदगांव रोड में क्षमता विस्तार के लिए ज्यादा क्षमता के पॉवर ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए है। जिले में 33 केवी के लंबे फीडरों का विभक्तिकरण किया जा रहा है, ताकि फीडर छोटे होने से मैंटेनेंस में आसानी हो, साथ ही ट्रिपिंग की शिकायतों में कमी, गुणवत्तापूर्ण बिजली वितरण सुनिश्चित हो सके।
अधीक्षण यंत्री एसएस वर्मा ने बताया कि सिंचाई योजना हो या फिर इंदौर महानगर के लिए नर्मदा जल को मंडलेश्वर, जलूद, छोटी खरगोन से लिफ्ट कर ले जाना हो, खरगोन जिले के बिजली कार्मिक बिजली प्रदाय व्यवस्था सुचारू करने में समर्पित भाव से लगे हैं।
खरगोन जिले विशेषकर बेड़िया क्षेत्र में लाल सुर्ख मिर्च का व्यापक उत्पादन होता है। मिर्च उत्पादक किसानों की सुविधाओं के लिए दैनिक दस घंटे बिजली प्रदान की जाती है, ताकि एक जिला एक उत्पाद में खरगोन के मिर्च उत्पादक किसानों को सिंचाई में आसानी हो, मिर्च पैदावार विपुलता के साथ हो सके।