भोपाल (हि.स.)। दमोह जिले में हुए सांप्रदायिक तनाव के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। अपर कलेक्टर मीना मसराम, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी दमोह को मजिस्ट्रियल जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
मुख्यमंत्री ने उन्होंने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के माध्यम से कहा है कि मध्यप्रदेश में शांति और सौहार्द बनाए रखना सरकार की विशेष प्राथमिकता है। दमोह में कतिपय असामाजिक तत्वों ने कानून और व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास किया, जिसे पुलिस प्रशासन ने बखूबी संभाल लिया। घटना की जांच के निर्देश दिए गए हैं। दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि दमोह के दमयंती नगर क्षेत्र में 03 फरवरी की रात लगभग 10 बजे बड़ी संख्या में असामाजिक तत्वों ने कोतवाली थाने का घेराव कर अनर्गल नारेबाजी की तथा कानून एवं शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया। दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने घटना के कारणों की मजिस्ट्रियल जाँच के आदेश दे दिये हैं।
यह है विवाद
नगर पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने बताया कि लालू शर्मा ने अंसार टेलर्स की दुकान में कपड़े सिलवाने के लिए डाले थे। कपड़े समय पर नहीं सिलने पर लालू ने शनिवार रात करीब 9.30 बजे अंसार टेलर्स की दुकान पर जाकर गाली-गलौज कर दी। उसके साथ गए राजू ठाकुर, विक्की शर्मा सहित एक अन्य युवकों ने अंसार खान के साथ मारपीट कर दी। इसी दौरान मौलाना हाफिज रिजवान जिला जेल के पास स्थित मस्जिद से घर जा रहे थे। मस्जिद की मार्केट में अंसार टेलर्स की दुकान में झगड़ा करते लोगों को देखा तो मौलाना उन्हें समझाने के लिए पहुंच गए। इस दौरान झगड़ा कर रहे चारों लोगों ने मौलाना के साथ झूमाझटकी की और उनकी गाड़ी में भी तोड़फोड़ कर दी। इसके बाद टेलर और दूसरे पक्ष के लोग कोतवाली पुलिस थाने पहुंच गए और शिकायत दर्ज कराई। जैसे ही लोगों को इसकी जानकारी लगी तो हजारों की संख्या में लोग कोतवाली पहुंच गए और आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर घेराव करने लगे।
भारी भीड़ के बीच व्यवस्था बिगड़ गई। काफी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंचे। रात 11 बजे तक थाने में गहमा-गहमी का माहौल रहा। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ 294, 323, 506 और 427 धारा के तहत मामला दर्ज किया है। एक आरोपित को गिरफ्तार भी कर लिया है। मामला बिगड़ता देख एएसपी संदीप मिश्रा, तहसीलदार, एसडीएम आरएल बागरी के साथ पुलिस फोर्स पैदल ही सड़कों पर उतरा और पूरी रात शहर में गश्त की गई।
एसपी सुनील तिवारी ने बताया कि शनिवार रात कुछ प्रदर्शनकारी कोतवाली पहुंचे थे, जिन्हें समझाइश देकर जाने के लिए कहा गया था, लेकिन उनके द्वारा हंगामा किया गया था और सामाजिक सौहार्द्र बिगड़ने का प्रयास किया गया था। जिन्हें बलपूर्वक हटाया गया। ऐसे करीब 40 लोगों पर धारा 153 ए,141,147 के तहत मामला दर्ज कर उनकी पहचान की जा रही है। इसके बाद इनकी संख्या बढ़ भी सकती है।