केन्द्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को 1 जुलाई 2022 से 4 प्रतिशत मंहगाई भत्ता दिया जा रहा है, जिसके बाद वर्तमान में केन्द्रीय कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता बढ़कर 38 प्रतिशत हो गया है जबकि राज्य कर्मचारियों को 34 प्रतिशत ही मंहगाई भत्ता प्राप्त हो रहा है, जो केंद्रीय कर्मचारियों से 4 प्रतिशत कम है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि राज्य शासन द्वारा परम्परा के विपरीत मंहगाई भत्ता घोषणा दिनांक से दिया जा रहा है, जबकि पूर्व में यह मंहगाई भत्ता केन्द्र सरकार द्वारा घोषित तिथियों से ही राज्य कर्मचारियों को एरियर्स सहित प्राप्त होता था। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों को दीपावली में डीए दिये जाने की घोषणा की गई थी, वह महज एक घोषणा ही बन कर रह गई। शासन के इस दोहरे मापदण्ड से प्रदेश के शासकीय, निगम, मण्डल में कार्यरत लगभग 10 लाख कर्मचारियों में भारी आक्रोश एवं निराशा व्याप्त है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, रजनीश पाण्डे, मुकेश सिंह, मंसूर बेग, सतीश उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, मनोज सेन, श्यामनारायण तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, महेश कोरी, विनय नामदेव, पवन ताम्रकार, दीपक सोनी, संतोष तिवारी, गणेश उपाध्याय, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, अभिषेक मिश्रा, सुदेश पाण्डे, राकेश दुबे, नितिन शर्मा, बृजेश गोस्वामी, सोनल दुबे, देवदत्त शुक्ला, प्रणव साहू, राकेश पाण्डे, विजय कोष्टी, अब्दुल्ला चिश्ती, आदित्य दीक्षित, विष्णु पाण्डे, मनोज पाटकर आदि ने प्रदेश के मुख्य सचिव से मांग की है कि मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल करते हुए प्रदेश संघ लोक सेवा आयोग के अधिकारियों के समान राज्य कर्मचारियों के डीए में 4 प्रतिशत की बढोतरी करते हुए एरियर्स का नगद भुगतान किया जाये, अन्यथा की स्थिति में संघ धरना-आन्दोलन हेतु बाध्य होगा।