मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंगलवार को मंत्रिमंडल की वर्चुअल बैठक हुई। मंत्रिमंडल द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये घरेलू एवं कृषि उपभोक्ताओं को विद्युत दरो में 20 हजार करोड़ रूपये से अधिक की सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया है।
मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार घरेलू उपभोक्ताओं के लिये लागू योजना में 150 यूनिट तक की मासिक खपत पर प्रथम 100 यूनिट तक अधिकतम 100 रुपये का देयक दिए जाने और अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बीपीएल घरेलू उपभोक्ता, जिनकी मासिक खपत 30 यूनिट है, से मात्र 25 रुपये प्रति माह के मान से 4 माह में 100 रूपये लिए जाने का प्रावधान इस वर्ष भी निरंतर रखा गया है। गृह ज्योति योजना में 4981 करोड़ 69 लाख रुपये की सब्सिडी स्वीकृत की गई है।
मंत्रिमंडल ने कृषि उपभोक्ता श्रेणी को भी विद्युत दरों में राहत प्रदान करने का निर्णय लिया है। 10 हॉर्सपावर तक की क्षमता के मीटर रहित स्थायी कृषि पम्प उपभोक्ता को 750 रुपये प्रति हॉर्सपावर प्रति वर्ष की फ्लैट दर देय होगी। शेष राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में देय होगी। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा वितरण कम्पनियों को 9876 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगा।
इस निर्णय से प्रदेश के लगभग 21 लाख 75 हजार कृषि पम्प उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। 10 हॉर्सपावर से अधिक की क्षमता के मीटर रहित स्थाई कृषि पंप उपभोक्ता से 1500 रुपये प्रति हॉर्सपावर प्रति वर्ष की फ़्लैट दर देय होगी। शेष राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में वितरण कंपनियों को देय होगी। इसके लिये 644 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इससे प्रदेश के लगभग 50 हजार कृषि पंप उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।
वहीं मीटरयुक्त स्थाई और अस्थाई कृषि पंप संयोजनों पर ऊर्जा प्रभार, ईंधन प्रभार एवं नियत प्रभार में छूट दी जायेगी। छूट राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में कंपनियों को वितरण किया जाएगा। इसके लिये 350 करोड़ रुपये की राशि देय होगी एवं इससे लगभग 2 लाख अस्थायी एवं 20 हजार मीटरयुक्त स्थाई कृषि पंप उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।
साथ ही एक हेक्टेयर तक की भूमि वाले 5 हॉर्सपावर तक के अनुसूचित जाति और जनजाति के कृषि उपभोक्ताओं को निःशुल्क विद्युत प्रदाय की जायेगी। देयक की सम्पूर्ण राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में देय होगी एवं इससे लगभग 9 लाख 25 हजार कृषि पंप उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। इसके लिये राज्य शासन द्वारा 4733 करोड़ रूपये की राशि सब्सिडी के रूप में वितरण कंपनियों को दी जायेगी।
इसके अलावा उच्च दाब उदवहन व समूह सिंचाई उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार तथा वार्षिक न्यूनतम प्रभार में छूट दी जायेगी। छूट राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में वहन की जाएगी। इसके लिये 90 करोड़ रूपये की राशि सब्सिडी के रूप में देय होगी। मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए निर्णय से प्रदेश के कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओ को विद्युत देयक में 15722 करोड़ 87 लाख रूपये की वार्षिक राहत प्राप्त होगी।