बिजली कंपनी के 30 जून को सेवानिवृत्त हुए कर्मियों को इंक्रीमेंट दिए जाने के न्यायालय के आदेश के बावजूद विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारियों के आवेदन की फाइल दबा ली गई और मुख्यालय नहीं भेजी गई। साथ काम करने वाले और एक-दूसरे के सुख-दुख में सम्मिलित होने वाले कर्मचारी ही अब पता नहीं किस लालच में अपने पुराने साथियों के लिए बाधा बन गए हैं।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 30 जून 2023 को सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों ने सेवानिवृत्ति के लाभ के साथ इंक्रीमेंट दिए जाने के लिए न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था, जिस पर न्यायालय ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया। न्यायालय के आदेश के साथ सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने मंडला के अधीक्षण अभियंता कार्यालय के अंतर्गत कार्यपालन अभियंता कार्यालय में दिनांक 16 अप्रैल 2024 को आवेदन जमा किया था, लेकिन न्यायालय के आदेश की अवमानना करते हुए कार्यपालन अभियंता एवं विभागीय कर्मचारियों के द्वारा आवेदन की फाइल दबा ली गई और 11 सितंबर 2024 तक मुख्यालय नहीं भेजी गई।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जबकि इस कार्यालय के ठीक बाजू से विजिलेंस कार्यालय से एक आवेदन 11 अप्रैल 2024 के बाद जमा किया गया था, उसका आदेश जारी भी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मंडला डिवीजन से अलग होकर बिछिया का कार्यपालन अभियंता कार्यालय बना है। वहां से भी 30 जून को कर्मचारी सेवानिवृत हुए हैं, उनके द्वारा भी आवेदन के साथ न्यायालय के आदेश जमा किए गए हैं। कार्यपालन अभियंताओं के द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं से क्यों वंचित किया जाता है, ये समझ से परे है।
संघ के अजय कश्यप, अशोक पटेल, संजय दुबे, सत्यव्रत शुक्ला, संत कुमार राय, मोहन दुबे, इंद्रपाल सिंह, विनोद दास, संदीप यादव, पवन यादव आदि ने उच्च अधिकारियों से मांग की है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को शीघ्र सेवानिवृत्ति के उपरांत मिलने वाले लाभ दिलवाएं जाएं।