Wednesday, January 29, 2025
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ऊर्जा विभाग निर्देश के बाद भी MPPMCL ने नहीं बनाई कंपनी टू कंपनी ट्रांसफर नीति, MPEBTKS ने एसीएस को फिर लिखा पत्र

बिजली कंपनियों में ऐसे सैकड़ों कर्मचारी कार्यरत हैं जो अपने परिवार और गृहनगर से दूर पदस्थापित होकर नौकरी कर रहे हैं। बिजली कंपनियों में कंपनी टू कंपनी स्थानांतरण नीति नहीं होने की कारण बिजली कर्मी बेहद तनाव में हैं और उन्हें हर त्यौहार परिजनों से दूर रहकर मनाना पड़ता है, साथ ही में दुख-बीमारी में परिजनों के साथ नहीं रह पाते और बुजुर्ग माता-पिता की सेवा भी नहीं कर पा रहे हैं। मध्यप्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि संघ लगातार कंपनी टू कंपनी ट्रांसफर नीति बनाने की मांग को लेकर सरकार और प्रबंधन को पत्र लिख रहा है।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि कंपनी टू कंपनी स्थानांतरण नीति बनाने के लिए प्रदेश के ऊर्जा विभाग के द्वारा पावर मैनेजमेंट कंपनी प्रबंधन को पत्र लिखा गया रहा, किंतु इस पर आज तक कार्यवाही नहीं की गई। ऊर्जा विभाग के द्वारा 14 फरवरी 2024 को मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी प्रबंधन को पत्र लिखकर निर्देशित किया गया था कि तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के अंतर्गत कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के नियमित एवं संविदा कर्मचारियों के स्वयं के व्यय पर प्रस्तुत आवेदन पर कर्मचारियों के गृह जिले में एक विद्युत वितरण कंपनी से दूसरी विद्युत वितरण कंपनी में स्थानांतरण नीति बनाई जाए।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने एक बार फिर अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को पत्र लिखकर ध्यानाकर्षण कराया है कि 10 माह बीत जाने के बाद भी पावर मैनेजमेंट कंपनी के द्वारा आज तक कंपनी टू कंपनी स्थानांतरण नीति बनाए जाने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की गई।

संघ के केएन लोखंडे, शशि उपाध्याय, दशरथ शर्मा, ख्याली राम, राम शंकर कटारिया, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, विनोद दास, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, अमीन अंसारी, संदीप दीपांकर, राहुल दुबे, पीएन मिश्रा, अमित मेहरा, जगदीश मेहरा, आजाद सकवार आदि ने अपर मुख्य सचिव से मांग की है कि नियमित एवं संविदा कर्मचारियों के लिए कंपनी टू कंपनी स्थानांतरण नीति बनाई जाए।

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